सत्यपाल राजपूत, रायपुर. पेड़ की छाल जैसी स्किन की इलाज करा रही बच्ची आज मेकाहारा से डिस्चार्ज हो गई. बच्ची को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने हर महीना सहायता राशि देने की घोषणा की है. डॉक्टरों ने बताया कि बीमारी की पहचान के बाद 50 फीसदी नियंत्रण में हैं. अब सावधानी बरतने की जरूरत है. उचित देखरेख होने पर ही बीमारी नियंत्रित होगा. जेनेटिक बीमारी होने के कारण इसका उपयुक्त इलाज नहीं है.
पीड़ित बच्ची के परिजनों ने बताया कि पहले बहुत भयवाह था जब छाल जैसे चमड़ी निकल रहा था, वो लगभग ठीक हो गया है. अब वह चलने लगी है. डॉक्टरों ने देखरेख कैसा करना है ये बताएं है, आज छोड़ दिए हैं कल घर जाएंगे. जगदलपुर में जो स्कीन के डॉक्टर है आगे वहां दिखाते रहने को कहा गया है.
त्वचा रोग विशेषज्ञ एवं विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युंजय सिंह ने बताया कि जेनेटिक बीमारी है, इसका समुचित इलाज नहीं है, लेकिन देखरेख, सावधानी से ही कंट्रोल संभव है. डॉक्टरों की निगरानी में रेगुलर मोस्चराईजर इस्तेमाल से अभी बच्ची की बीमारी 50 प्रतिशत कंट्रोल है, और उनके परिजनों को क्या-क्या सावधानी बरतनी है सभी कुछ समझाया गया है. छोटी बच्ची है ज्यादा दवा नुकसान दायक होगा, इसलिए रेगुलर मोस्चराईजर इस्तेमाल करना ज्यादा अच्छा है.
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गौरतलब है कि स्वास्थ मंत्री टीएस सिंहदेव ने मामले में संज्ञान लेते हुए पीड़ित बच्ची से मिलने मेकाहारा पहुंचे थे, जहां बच्ची के इलाज का सारा खर्च उठाने की घोषणा की थी, और डॉक्टरों को बेहतर से बेहतर इलाज करने का निर्देश दिए थे. अब बीमारी नियंत्रण में होने के बाद एक हजार रुपए प्रति माह सहायता राशि देने की घोषणा की गई है.