रायपुर। प्रदेश सरकार ने किसानों के आंदोलन को कुचलना शुरु कर दिया है. प्रदेश के लगभग सभी बड़े शहरों में धारा 144 लागू कर दी गई है. वहीं सभी जिलों में किसान नेताओं को पुलिस ने कहीं घर से तो कहीं रास्ते से गिरफ्तार कर लिया है.
अपनी मांगों को लेकर किसान महासंघ ने 19 सितंबर से किसान संकल्प यात्रा की शुरुआत की थी. जिसके बाद प्रदेश के कई जिलों में प्रशासन ने धारा 144 लगा दिया था इसके साथ ही किसान नेताओं की भी गिरफ्तारी का सिलसिला शुरु कर दिया था. गुरुवार को किसान महासंघ ने सीएम हाउस घेराव का ऐलान किया था. जिसके बाद से पुलिस ने किसान नेताओं को खोज-खोज कर गिरफ्तार करने लगी.
गिरफ्तार किए गए नेताओं में पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविंद नेताम, आलोक शुक्ला, डॉक्टर लाखन सिंह, संकेत ठाकुर है. पुलिस ने इनमें से अधिकांश नेताओं को उनके घर से और कुछ को घर से निकलते ही गिरफ्तार कर लिया. बाद में इन नेताओं को पुलिस ने जेल में डाल दिया गया. इस दौरान पुलिस ने राजधानी रायपुर की सीमा चारों तरफ से सील कर दी. राजधानी पहुंचने वाले रास्ते में बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया था.
उधर बस्तर से जो किसान नेता और उनके साथ आदिवासी पहुंचे थे उन्हें भी पुलिस ने गिरफ्तार किया. यहां तक कि पुलिस ने बस्तर से पहुंचे पूर्व एसपीओ व महिलाओं तक को नहीं बख्शा.
लोकतंत्र की हत्या
किसानों की गिरफ्तारी की पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने सरकार पर निशाना साधा है. भूपेश ने किसानों की गिफ्तारी की निंदा की है, उन्होंने कहा कि किसानों को झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी दी जा रही है. किसानों के आंदोलन को कुचलने की कोशिश हो रही है. सरकार के खिलाफ किसान आक्रोशित हैं. भाजपा के लोग जश्न मनाने में लगे हैं, सूखे की स्थिति में किसानों पर जले में नमक छिड़क रहे हैं. भूपेश ने बताया कि कल किसान कांग्रेस की ओर से विधानसभा का घेराव किया जाएगा.
इन मांगों को लेकर थी संकल्प यात्रा-
4 साल का धान बोनस दे सरकार
स्वामीनाथान कमीशन की सिफारिशों को लागू करे
21 सौ रुपये समर्थन मूल्य के वादे को पूरा करे
कर्जा माफी
सूखा राहत