कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के अमेरिका में दिए भाषणों को लेकर पूरे देश में चर्चा चल रही है. इन भाषणों को लेकर बीजेपी उनपर हमलावर है. आखिर राहुल गांधी ने क्या कहा अपने भाषण में . जिसे लेकर बवाल मचा है. पढ़िये राहुल गांधी का पूरा भाषण हिंदी मेंं.
जो भाषण राहुल गांधी ने न्यूयार्क में एनआरआई को संबोधित करते हुए कांग्रेस पार्टी का विजन सामने रखा. चूंकि उनके भाषण को लेकर उत्सुकता है इसलिए उनके भाषण का हिंदी अनुवाद पेश कर रहे हैं.
भारत में टैलीकॉम क्रांति के जनक सैम पित्रोदा ने मंच से राहुल गांधी को संबोधन के लिए बुलाया
शुक्रिया! शुक्रिया! सैम (सैम पित्रोदा)शुक्रिया! मैं सभी मंचासीन लोगों का स्वागत करना चाहता हूं और आप सभी का भी स्वागत करता हूं जो इस रुम में बैठे हैं. आप जानते हैं कि बहुत साल पहले सैम भारत आए. जो कहानी सैम आपको सुना चुके हैं. इंदिरा गांधी ने उनका प्रेजेंटेशन देखा. मेरे ख्याल से यह 1982 था ?
(सैम ने बताया कि 1979 था)
कहानी कंप्यूटर के भारत में आने की
ओके. 1979. मेरा ख्याल है कि 1982 में आप फिर आए. उस समय मैं 12 साल का था. एक सुबह मेरे पिता ने मुझसे कहा कि यहां एक प्रेजेंटेशन है जिसमें हमें रहना है. उस समय मुझे पता नहीं था कि प्रेजेंटेशन का मतलब क्या होता है. मुझे लगा कि मुझे जाकर परसेंट होना है. फिर मैं और मेरी बहन वहां पर जा कर के बैठ गए और हम वहां पर 6 घंटे बैठे रहे.
सैम और मेरे पिताजी कंप्यूटर के बारे में चर्चा कर रहे थे. मुझे उस समय पता नहीं था कि कंप्यूटर क्या होता था. मेरा ख्याल से 1982 में शायद ही किसी को पता होगा कि कंप्यूटर क्या होता है. मेरे लिए उस समय कंप्यूटर एक छोटा सा बक्सा था जिसमें TV था. और सच बताऊं तो मुझे यह प्रेजेंटेशन बिल्कुल पसंद नहीं आया क्योंकि मुझे वहां 6 घंटे तक बैठना पड़ा.
पीएमओ में जब सबने कंप्यूटर का विरोध किया
लेकिन 5 साल के बाद मुझे इस प्रेजेंटेशन का असर दिखने लगा. बात उस समय की है जब प्रधानमंत्री कार्यालय में टाइपराइटर हुआ करते थे. हर कोई टाइपराइटर इस्तेमाल करता था. सैम और मेरे पिता ने एक दिन वहां के स्टॉफ से कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय में अब कंप्यूटर का इस्तेमाल होना चाहिए. वहां सभी कर्मचारियों ने इसका विरोध किया. सबने कहा कि हमें टाइपराइटर पसंद है. हमें कंप्यूटर नहीं चाहिए.
फिर सैम और शायद मेरे पिताजी ने अपने टिपिकल स्टाइल में कहा कि ठीक है. आप सब लोग अपना टाइपराइटर अपने साथ रखिए. लेकिन हम 1 महीने के लिए आपके टाइपराइटर की जगह कंप्यूटर रखना चाह रहे हैं और एक महीने बाद आपका टाइपराइटर आपको वापस कर दिया जाएगा.
उन्होंने सबको 1 महीने के लिए कंप्यूटर दिया. एक महीने बाद दोनों ने कहा कि ठीक है अब आपके टाइपराइटर को वापस कर देते हैं. लेकिन हर किसी ने कहा कि नहीं हमें टाइपराइटर नहीं चाहिए हमें कंप्यूटर चाहिए.
दरअसल किसी आईडिया को भारत में स्वीकार करने में थोड़ा समय लगता है. लेकिन अगर आईडिया सही है तो भारत से बहुत तेजी से अपनाता है और इस्तेमाल करता है.
कांग्रेस का आंदोलन एनआरआई का आँदोलन
मैं सैम से एक विषय पर चर्चा ही कर रहा था. सैम ने कहा कि मैंने कभी इस पर सोचा नहीं. आप सभी एन आर आई हैं. कांग्रेस मूवमेंट सही मायनों में एक एनआरआई आंदोलन थी. महात्मा गांधी एनआरआई थे. जवाहरलाल नेहरू इंग्लैंड से लौटे थे. अंबेडकर, आजाद, पटेल सभी एनआरआई थे. इनमे से हर व्यक्ति देश से बाहर गया. बाहर की दुनिया देखी. वापस भारत आया और किसी आईडिया का इस्तेमाल भारत में किया और भारत को बदलने की शुरुआत हुई.
मैं इससे (आज़ादी के आंदोलन से) आगे जाना चाहूंगा. भारत की सबसे बड़ी कामयाबी- (बीच में जोड़ते हुए) हमारे बीजेपी के दोस्त कहते हैं कि यहां कुछ नहीं हुआ है- लेकिन दूध , जिसे सभी भारतीय पीते हैं एक व्यक्ति से कुरियन जो एनआरआई थे, इंग्लैंड से आए थे, उन्होंने इस मामले में भारत को बदला, सैम एक और उदाहरण है. ऐसे हजारों के हजारों उदाहरण है जिसे हम नहीं जानते हैं.
भारतीय होने की वजह से गौरवान्वित हुआ
इससे पहले कि मैं अपनी बात आगे बढ़ाऊं, मैं बताना चाहता हूं कि मैं सैन फ्रांसिस्को गया, लॉस एंजिल्स गया, वॉशिंगटन गया, बर्कले, प्रिंस्टन में मैंने भाषण दिया. जहां भी मैं गया आपकी वजह से मैं भारतीय होने के नाते गौरवान्वित हुआ. आप इस देश में जहां देखिए ! हर जगह आपको भारतीय देखेंगे. जो अमेरिका के लिए काम कर रहे हैं. भारत के लिए भी काम कर रहे हैं. शांति से रहते हैं और इस देश का निर्माण कर रहे हैं. दूसरी तरफ घर में भारत का निर्माण कर रहे हैं . तो मैं कहना चाहूंगा आप हमारे देश की रीड़ की हड्डी हैं.
कुछ लोगों को लगता है कि भारत एक भौगोलिक संरचना है, वे भारत को एक जमीन का टुकड़ा समझते हैं. मुझे नहीं लगता कि भारत एक सिर्फ जमीन का टुकड़ा है. मैं भारत को सेट ऑफ आइडियास के रूप में देखता हूं. मेरे लिए जिस-जिस के पास भी आईडिया है वह भारत को भारत बनाना है. हमारे देश में बहुत सारे धर्म है. हमारे देश में अलग-अलग भाषाएं हैं. हर कोई एक दूसरे के साथ खुशी से रहता है और वह ऐसा इसलिए कर पाते हैं कि यह कांग्रेस पार्टी का आईडिया है.
कांग्रेस हज़ारों साल पुराने भारतीय विचार का प्रतिनिधित्व करती है
सैम पित्रोदा ने कहा कांग्रेस 130 साल पुरानी है. हां यह सच है! कांग्रेस संगठन सौ साल से ज्यादा पुराना है. लेकिन कांग्रेस आईडिया भारत में हजारों हज़ार साल पुराना है. हम एक संगठन को प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं हम एक ऐसे विचार का प्रतिनिधित्व करते हैं जो हजारों हजार साल पुराना है. मैं आपको इस दर्शन के बारे में कुछ बताना चाहता हूं.
कांग्रेस का आईडिया है सच का साथ
गांधी जी ने किस बात के लिए लड़ाई लड़ी ? हमारी आजादी की लड़ाई किस बात को लेकर थी ? कुरियन ने क्या किया? सैम पित्रोदा ने क्या किया? हजारों एनआरआई ने क्या किया? यह सभी सच के लिए खड़े हुए. यह बात महत्वहीन है कौन सामने खड़ा था. अगर उन्हें लगता है कि यह सही है तो इसके लिए वह खड़े हो गए. भले ही इसकी कोई भी कीमत चुकानी पड़ी हो. यही कांग्रेस का आइडिया है.
मैंने कई लोगों के साथ इस दौरे में चर्चा की है. मैंने यहां की दोनों प्रमुख पार्टियों रिपब्लिक और डेमोक्रेटिक के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. मैं आम लोगों से मिला, अन्य लोगों से मिला और मैं कहना चाहता हूं मुझे इससे पहले कि मैं उनसे कुछ कह पाता कि इस वक्त के हालात को लेकर मैं क्या महसूस कर रहा हूं, किस बात को लेकर मैं चिंतित होता हूं. वही बात उन्होंने कह दी. ज्यादातर लोगों ने कहा भारत में सहनशीलता को लेकर क्या हुआ. जिसने भारत को बनाया उस सहिष्णुता, भाईचारे का क्या हुआ.
क्या है भारत की सबसे बड़ी चुनौती
भारत मौजूदा वक्त में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. मुझे लगतचा है कि इसमें सबसे बड़ी जो चुनौती है वो है कि हर दिन 30000 युवानौकरी के लिए मार्केट में आते हैं और आज 450 – मैं बेरोजगारी की बात नहीं कर रहा- मैं कह रहा हूं कि हर दिन 30,000 लोग जॉब मार्केट में आ रहे हैं और उनमें से केवल 450 लोगों को जॉब मिल पा रही है. यह हमारे सामने इस वक्त देश में सबसे बड़ी चुनौती है और एक चुनौती को स्वीकार किया जाना चाहिए. इस चुनौती से यूनिफाइड रवैया अपना कर इस निपटना चाहिए. हमने हर चीज के बारे में चर्चा की. भारत में बांटने वाली राजनीति इस वक्त देश में चल रही है. लेकिन जो सबसे वास्तविक समस्या भारत झेल रहा है कि 30,000 लोग जॉब मांग रहे हैं हम उन्हें के उनमें से केवल 450 लोगों को जॉब दे पा रहे हैं.
कांग्रेस का बेरोज़गारी दूर करने का विज़न
आप कल्पना करिए यह प्रक्रिया लगातार चलती रही तो नतीजे क्या होंगे. भारत अपने युवाओं को रोज़गार नहीं दे पाएगा तो विजन नहीं दे पाएगा. कांग्रेस पार्टी के पास एक विजन है. जिससे इस समस्या का समाधान हो सकता है. मैं थोड़ा बहुत इस विजन के बारे में कहूंगा. अभी सरकार का पूरा फोकस 50 यह 60 बड़ी कंपनियों पर है. पर हमें लगता है अगर आपको करोड़ों जॉब भारत में पैदा करना है तो आपको छोटे और मझोले उद्योगों को बढ़ावा देना होगा, इंटरप्रेन्योर्स को बढ़ावा देना होगा.
खेती को लेकर राहुल गांधी का विज़न
दूसरी बात मैं आंकड़े देते हुए कहना चाहता हूं. भारत की 40 फ़ीसदी सब्जियां खराब हो जाती है. लेकिन भारत में कृषि को इग्नोर नहीं किया जा सकता. यहां पंजाब के लोग होंगे, आप समझ सकते हैं कि मैं क्या कह रहा हूं. कृषि रणनीतिक ताकत है. हमें जरूरत है कि हम कृषि को विकसित करें, कोल्ड स्टोर बनाएं. हमें जरूरत है कि फूड प्रोसेसिंग प्लांट खेतों के नजदीक बनाएं. हमें जरूरत है कि हम भारतीय कृषि को सशक्त बनाए हम. अगर हमने अपने किसानों को सशक्त बना दिया तो हम करोड़ों जॉब लोगों को दे सकते हैं.
हेल्थकेयर को लेकर क्या है राहुल का विज़न
ठीक इसी तरह हेल्थ केयर बदल सकती हैं. ये बात मैंने बर्कले में भी कही थी. आज हेल्थ केयर से संबंधित सारी सूचनाएं डॉक्टर के दिमाग में है. कल यह सारी सूचनाएं कंप्यूटर में होंगीं. भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है. इसलिए हमारे डॉक्टर्स बड़ी संख्या में ऑपरेशन करते हैं. दिल की सर्जरी, आंखों की सर्जरी. हमारे डॉक्टर्स को यह बहुत अच्छे से पता है कि ये कैसे किया जाता है. हम दुनिया के हेल्थ केयर सेंटर बन सकते हैं. लेकिन इसके लिए हमें योजना बनानी होगी. अगर यह बनना है तो ये शुरुआत आज से करनी होगी. मैं हेल्थ टूरिज्म की बात नहीं कर रहा हूं, मैं बात कर रहा हूं एक ऐसी व्यवस्था बनाने की जिसमें मेडिकल प्रोसेस के बड़े हिस्से हमारे देश से जाएं.
आईआईटी को लेकर विज़न
मैं ऐसा ही विज़न IIT के लिए रखता हूं. मैं बर्कले और प्रिंस्टन में था. अमेरिकन यूनिवर्सिटीज के पास नॉलेज नेटवर्क है. सूचनाएं उनके बीच जाती है, वह बिजनेस से कनेक्टेड है. अर्थव्यवस्था से कनेक्टेड है. हमारी IIT गजब का संस्थान है. लेकिन इनका नेटवर्क नहीं है. अगर हमने अपनी IIT को अपने-अपने उद्योगों के साथ कनेक्ट कर दिया, अगर हमने अपने IIT को दुनिया के बिजनेस के साथ कनेक्ट कर दिया तो वह दुनिया की सर्वश्रेष्ठ संस्थाओं के साथ प्रतियोगिता करना शुरू कर देंगी.
हमें 10 या 15 सैम पित्रोदा चाहिए
आप लोग अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. मैं आप लोगों को निमंत्रण देता हूं. आइए, कांग्रेस पार्टी के साथ काम करिए. जिससे यह विचार आगे बढ़ सके. हम आपकी मदद लेना चाहते हैं और देखिए ! सैम पित्रोदा एक व्यक्ति है, जिसने टेलीकॉम इंडस्ट्री को बदल दिया. लेकिन हमें केवल एक सैम नहीं चाहिए. हमें कम से कम 10 से 15 सैम चाहिए क्योंकि भारत में बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है.
भारत ने दुनिया को सहिष्णुता सिखाई है
आखरी चीज मैं आप लोगों से कहना चाहता हूं. भारत ने पूरी दुनिया को हमेशा दिखाया है कि सहिष्णुता में और भाई-चारे के साथ कैसे रहा जाता है. हजारों साल से भारत की ख्याति शांति और भाईचारा की वजह से रही है जिसे आज चुनौती दी जा रही है. भारत को बांट रही है. हमारे देश के लिए यह बहुत ज्यादा खतरनाक है. ये बात हमारी विश्व भर में फैली ख्याती को नष्ट कर रही है. डेमोक्रेटिक और रिपब्लिक पार्टी में कई लोगों ने पूछा कि आपके देश में हो क्या हो रहा है.
भारत की छवि खराब हो रही है
लेकिन अभी हो क्या रहा है और यह ऐसी चीज है जिससे हमें लड़ना है. भारत की ख्याति दुनिया में बहुत ही महत्वपूर्ण है. दुनिया बदल रही है और दुनिया हमारी ओर देख रही है. चाइना बढ़ रहा है. हमारे संबंध अमेरिका के साथ हैं. कई देश जो हिंसा प्रभावित हैं आज भारत की ओर देख रहे हैं. इस उम्मीद के साथ कि शायद भारत उन्हें 21वीं सदी में बेहतर रास्ता दिखा सकता है. भारत के शांतिपूर्ण सहअस्तित्व हिंसा का जवाब हो सकता है.
हम अपनी सबसे महत्वपूर्ण ताकत को नहीं खोने दे सकते. हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारे 1 अरब 30 करोड़ लोग हैं. वे साथ रहते हैं. अहिंसक तरीके से रहते हैं. इसलिए दुनिया हमारी इज्जत करती है. और इस बात की रक्षा हर कांग्रेसी करता है. भारत एक ऐसा देश है जो ज्ञानियों का प्रतिनिधित्व करता है. यह महत्वपूर्ण नहीं है यह कौन है. आप देख लीजिए यहां मेरे सिक्ख ब्रदर्स भाई हैं. अलग अलग भाषाएं बोलने वाले लोग हैं. लेकिन भारत सिर्फ आपका प्रतिनिधित्व नहीं करता. भारत हम सब का प्रतिनिधित्व करता है. और यही बात कांग्रेस पार्टी मानती है.
मैं आप सभी का फिर से शुक्रिया अदा करना चाहूंगा! मैंने सैम को कहा है कि वे जब भी मुझे अमेरिका में बुलाना चाहें मैं हाजिर हो जाऊंगा.
और अंतिम बात. सैम ने मुझसे फोटोग्राफ के बारे में बोला तो मैंने कहा हमारे यहां व्यक्तिगत फोटो खिंचवाने का रिवाज़ है. अगली बार ज़्यादा समय निकालूंगा और सेल्फी और फोटोग्राफी होगी. शुक्रिया! शुभकामनाएं!
-राहुल गांधी
(जैसा राहुल गांधी ने कहा)