सत्यपाल सिंह,रायपुर। भूपेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के कर्मचारी जिला मुख्यालय में पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया. कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने हमारे मंच से कहा था कि इस साल किसानों को दिया है, आने वाले साल में कमर्चारियों को देंगे. साल बीत गया है सरकार ने हमारी खबर तक नहीं ली. हमारी मांग है कि बजट सत्र में हमारे लिए 5 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाए. अगर सरकार हमारी मांग नहीं मानती है, तो हम बजट सत्र में प्रदर्शन करेंगे. इन्हीं मांगों को लेकर कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

कर्मचीरी संघ के महामंत्री विजय झा ने बताया कि विधानसभा चुनाव 2019 के अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के घोषणा पत्र में वादा किया गया था कि, सरकार बनने पर सभी अधिकारी -कर्मचारियों को सेवा काल में चार स्तरीय उच्चतर समयमान वेतन दिया जाएगा तथा अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा. घोषणा पत्र में किए वायदों को पूरा करने के लिए सरकार बनने के 1 वर्ष बाद भी गंभीरतापूर्वक विचार नहीं किया जा रहा है. जिससे कर्मचारियों में असंतोष है.

राज्य के कर्मचारियों की वेतन विसंगति की समस्याओं के निराकरण के लिए 3 वर्ष पहले पूर्व मुख्य सचिव एस के मिश्रा के अध्यक्षता में प्रशासनिक सुधार आयोग का गठन किया गया था. आयोग ने अपनी रिपोर्ट यदि शासन को प्रस्तुत कर दिया है तो उसे सार्वजनिक किया जाए यदि अभी तक आयोग का प्रतिवेदन अप्राप्त है तो इसे शीघ्र प्राप्त कर कर्मचारी हित की अनुशंसाओं को लागू किया जाए और लिपिक सहित सभी संवर्गो की वेतन विसंगति को दूर किया जाए.

महंगाई सूचकांक के आधार पर कर्मचारियों को देय 5% महंगाई भत्ते का आदेश शीघ्र जारी कर कर्मचारियों को महंगाई से राहत प्रदान की जाए तथा पूर्व के लंबित 4% महंगाई भत्ते के एरिया का भुगतान किया जाए. कर्मचारियों को पुनरीक्षित वेतनमान के अनुसार प्रासंगिक भत्तो का पुनरीक्षण नहीं किया गया है, जिसमें मुख्य रूप से गृह भाड़ा -भत्ता, यात्रा भत्ता, अनुसूचित क्षेत्र भत्ता ,नगर क्षति पूर्ति भत्ता, चिकित्सा भत्ता आदि शामिल है. नए वेतनमान के अनुरूप इन भत्तों का पुनरीक्षण किया जाए. पड़ोसी राज्य तेलंगाना एवं महाराष्ट्र के समान छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पदस्थ कर्मचारियों को नक्सल प्रोत्साहन भत्ता वेतन का 30% दिया जाए. यह भत्ता अभी सिर्फ सुरक्षाकर्मियों को दिया जा रहा है.

लगभग 1 वर्ष से सभी विभागों में पदोन्नति की प्रक्रिया लंबित है. शिक्षण संस्थाओं में संस्था प्रमुख, विभिन्न विभागों के कार्यालयों में लिपिकीय, तकनीकी एवं कार्यपालिक संवर्ग के सैकड़ों पद रिक्त है ,जिसे पदोन्नति से भरा जाना है. इसलिए “पदोन्नति अभियान” चलाकर रिक्त पदों को भरने के साथ कार्यालय में रिक्त पदों पर अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की कार्रवाई की जाए.