रायपुर। छत्तीसगढ़ के मेहनत कस पंजीकृत किसानों से जो वादा किया गया है उसे हम जरूर पूरा करेंगे. हम पूर्व की सरकार की तरह नहीं, जो चुनाव के दौरान बोनस देते थे और फिर बंद कर देते थे. हमने बीते वर्ष जिस तरह से 2500 रुपये प्रति क्विंटल धान का समर्थन मूल्य किसानों को दिया उसी तरह से इस वर्ष भी देने जा रहे हैं. अभी हमने केंद्र सरकार की ओर तय समर्थन मूल्य के हिसाब से किसानों को भुगतान किया है, लेकिन शेष अंतर की राशि भी जल्द किसानों के खाते में पहुँच जाएगी. कृषि मंत्री की अध्यक्षता में हमने किसानों को पैसा देने के लिए कमेटी बनाई है. कमेटी की ओर अनुशंसा आते ही अंतर की राशि किसानों को दे दी जाएगी. किसानों को राशि देने के लिए फिर चाहे योजना कोई भी, लेकिन नोट का रंग नहीं बदलेगा और न ही पैसे में कोई कटौती होगी. शेष अंतर की राशि प्रति क्विंटल 685 रुपये के हिसाब किसानों को दी जाएगी. ये तमाम बातें आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर के तुलसी गाँव में आयोजित राष्ट्रीय कृषि मेला में कही.
उन्होंने यह भी कहा कि शेष अंतर की राशि तो हम अभी किसानों को दे दिए होथे अगर केंद्र सरकार की ओर अड़ंगा न लगाया गया होता. उन्होंने भाजपा की केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह से 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान केंद्र सरकार बोनस देने के नियम को शिथिल किया था, उसी तरह इस बर नियम शिथिल होता तो किसानों अंतर की राशि अब तक प्राप्त हो गई होती.
वहीं उन्होंने रिकॉड धान उत्पादन पर छत्तीसगढ़ के किसानों को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश के किसानों राज्य सरकार के नीतियों पर भरोसा जताया है. किसानों को विश्वास हुआ कि खेती घाटे का सौदा नहीं है. किसानों को लग रहा जब उत्पादन पर उचित मूल्य मिलेंगे तो खेती करना फायेदमंद है. यही वजह है कि किसान वापस छत्तीसगढ़ में कृषि कार्य की ओर लौट रहे हैं.
वहीं उन्होंने यह भी कहा कि अब कोयला को छोड़ कर ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ना है. हमें सोलर ऊर्जा की ओर जाना है. पेट्रोलियम पदार्थ के लिए हमे एथेनाल पर काम करना है. एथेनाल बनाने के लिए हमने केंद्र सरकार से अनुमति मांगी है. लेकिन केंद्र सरकार 1 साल बाद भी अनुमति नहीं मिली है. जबकि इस पर काम हमें करना है. केंद्र सरकार को सिर्फ परिमीशन देना है. एथेनाल की फैक्ट्री लगाने के लिए हम तैयार है. हमारे यहाँ धान का अतिरिक्त उत्पादन होता है. ऐसे में एथेनाल बनाने के लिए छत्तीसगढ़ में पर्याप्त धान है. धान से बनने वाले बायो फ्यूल से राज्य ही नहीं, देश की जरूरतों की पूर्ति हो सकती है. फैक्ट्री के खुलने से राज्य के लोगों को रोजगार भी मिलेगा, साथ ही किसानों को भी धान का वाजिब मूल्य मिलेगा.
वहीं उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से दिए जाने वाले सम्मान निधि की राशि किसानों को नहीं मिलने का सवाल उठाते हुए भाजपा सांसद सुनील सोनी से कहा कि वे इस दिशा में प्रयास करे. छत्तीसगढ़ में अभी सिर्फ 1 लाख किसानों को ही चौथी किस्त की राशि मिल पाई है. 19 लाख किसानों को सम्मान निधि की राशि नहीं मिली है. वे इसे मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाए.