रायपुर। दिल की अंदरूनी संरचना एवं इसकी गति को और करीब से देखने की इमेजिंग प्रक्रिया ”इकोकार्डियोग्राफी“ के बेसिक एवं एडवांस तकनीक पर पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के एडवांस्ड कार्डियक इंस्टीट्यूट में आगामी महीने बेसिक एंड एडवांस्ड इकोकार्डियोग्राफी पर दो दिवसीय कार्यशाला एवं व्याख्यानमाला का आयोजन किया जा रहा है. चिकित्सा महाविद्यालय के सभागार में मार्च महीने के 14 एवं 15 तारीख को आयोजित होने जा रहे इस कार्यशाला में देश के प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट एवं मद्रास मेडिकल कॉलेज के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. आर. अल्गेसन एवं रोचेस्टर (यूएस) के प्रसिद्ध मायो कॉलेज ऑफ मेडिसिन से कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. के. चंद्रसेकरन बतौर प्रमुख वक्ता (स्पीकर) शामिल हो रहे हैं. डॉ. चंद्रसेकरन यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका के अलावा कई अन्य देशों में फेलो रहकर अपनी सेवाएं दे चुके हैं.

वर्कशॉप के बारे में जानकारी देते हुए एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट के विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने बताया कि हृदय रोगों के इकोकार्डियोग्राफिक मूल्यांकन एवं इमेजिंग के सामान्य एवं उन्नत तकनीक पर आधारित इस कार्यक्रम में कार्डियोलॉजिस्ट, कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जन तथा मेडिसीन केफिजिशियन भाग ले सकते हैं. 14 मार्च शनिवार को होने वाले साइंटिफिक प्रोग्राम का सबसे पहला सत्र बेसिक इकोकार्डियोग्राफी, डॉप्लर, कलर डॉप्लर, इकोकार्डियोग्राफी मेजरमेंट, सिस्टोलिक व डायस्टोलिक फंक्शन पर केंद्रित होगा. दूसरे सत्र में वॉल्वुलर हार्ट डिसीज, इकोकार्डियोग्राफी इन वॉल्वुलर स्टेनोसिस, तीसरे सत्र में कोरोनरी आर्टरी डिसीज एवं चौथे सत्र में इकोकार्डियोग्राफी इन पेरिकार्डियल डिसीज, इकोकार्डियोग्राफी इन कार्डियक मासेस विषय पर व्याख्यान होगा. वहीं दूसरे दिन यानी 15 मार्च को ट्रांसइसोफेजियल इकोकार्डियोग्राफी, कंजनाइटल हॉर्ट डिसीज, स्पेकल ट्रेकिंग, डायमेंशनल इकोकार्डियोग्राफी, बेसिक ऑफ थ्री डायमेंशनल इकोकार्डियोग्राफी इन वॉल्वुलर हॉर्ट डिसीज एंड कॉर्डियक इंटरवेंशंस जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी. यह कार्यक्रम चिकित्सा महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. आभा सिंह एवं अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विनीत जैन के संरक्षण एवं मार्गदर्शन में आयोजित होने जा रही है.

गौरतलब है कि दिल की अंदरूनी संरचनाओं के अध्ययन एवं मूल्यांकन के लिए इकोकार्डियोग्राफी का प्रयोग किया जाता है. इको जांच की मदद से दिल की संपूर्ण स्थिति, गति, चाल एवं क्रियाविधि देखी जा सकती है. इको टेस्ट में हृदय की पम्पिंग, वॉल्व से सम्बन्धित रोग, मायोकार्डियल, पेरीकार्डियल, जन्मजात हृदय रोग, दिल की असामान्य लय जैसे ट्रेकीकार्डिया, ब्रैकीकार्डिया, हॉर्ट के मर्मर साउंड एवं इनसे सम्बन्धित खराबियों का मूल्यांकन तस्वीरों के जरिये किया जाता है.