सत्यपाल सिंह,रायपुर। डाॅ. खूबचन्द बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना (डीकेबीएसएसवाॅय) में शामिल निजी अनुबंधित अस्पतालों की भुगतान प्रक्रिया ने गति पकड़ ली है. जनवरी माह तक की योजनाओं का लगभग सभी लंबित क्लेम का भुगतान किया जा चुका है. अब फरवरी माह में हुए क्लेम का भुगतान ही लंबित है.

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के मिले निर्देश के बाद माह जनवरी तक के सारे भुगतान किये जा चुके है. पिछले सप्ताह 25 करोड़ का भुगतान राज्य नोडल एजेंसी के द्वारा अस्पताल के खातों में कराया गया था. वहीं आज लगभग 35 करोड़ का भुगतान किया गया है. इस तरह अब फरवरी माह का ही भुगतान शेष रह गया है.

रेलीगेयर ने किया 6 करोड़ से ज्यादा का भुगतान

ट्रस्ट माॅडल से पूर्व हाईब्रिड माॅडल में कार्यरत इंश्योरेंस कंपनी रेलीगेयर द्वारा भी 20 फरवरी के पूर्व ही 6 करोड़ 90 लाख रूपये का भुगतान किया था. यह राशि अस्पतालों के खातों में पिछले सप्ताह ही पहुंच चुकी है. स्टेट ग्रिवेंश रिड्रेसल कमेटी (एसजीआरसी) में यह प्रकरण निराकृत हुए थे. इंश्योरेंस कंपनी संबंधी कोई दिक्कत होने पर अभी भी निजी अनुबंधित अस्पतालों की समस्या सुन, उनका निराकरण किया जाएगा.

योजना में शामिल होने निजी अस्पतालों में होड़

डाॅ. खूबचन्द बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना (डीकेबीएसएसवाॅय) में शामिल होने के लिए निजी अस्पतालों ने खासी रूचि दिखानी शुरू कर दी है. ऑनलाईन पोर्टल में योजना के दिशा-निर्देश जारी किये जा चुके है. वहीं पैकेजों की दरों में की गई वृद्धि के बाद अब निजी अस्पताल योजना में काम करने के लिए राज्य नोडल एजेंसी से व वेब पोर्टल के माध्यम से लगातार जानकारी ले रहें है। इसके साथ ही योजना में शामिल होने के लिए निजी अस्पतालों से सहमति भी ली जा रहीं है.

712 पैकेज पहले ही ज्यादा

डीकेबीएसएसवाॅय में जहाॅ 512 पैकेजों की राशि में वृद्धि की गई है. वहीं 712 पैकेज ऐसे है जो कि पहले से ही नेशनल हेल्थ एजेंसी की तुलना में ज्यादा है. यह सारा कुछ प्रदेश में निवासरत परिवारों को अच्छे से अच्छा उपचार दिलवाने व निजी अनुबंधित अस्पतालों को भी होने वाले ईलाज की उचित कीमत दिलाने की दिशा में प्रयास है.

क्लेम का भुगतान पखवाड़े भर में

हाईब्रीड माॅडल में पूर्व में भुगतान में लगभग माह भर का समय लगता था. वर्तमान में समस्त लंबित क्लेम के भुगतान की प्रक्रिया तेज हो चुकी है. आने वाले समय में समस्त लंबित क्लेमों के भुगतान जारी कर दिये जाएगे. इसके बाद क्लेम होने के बाद पखवाड़े भर के भीतर अस्तपलों को भुगतान करने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है.