रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने बड़े ऐलान से पहले अपने भाषण में धर्मग्रंथों और कविताओं का हवाला देते हुए बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर को जमकर धोया. उन्होंने कहा कि अजय चंद्राकर को आज किसानों की बड़ी चिंता हो रही है लेकिन जब वे दस साल तक रमन सिंह सरकार के मंत्रीमंडल के सदस्य थे, तब ये ख्याल क्यों नहीं आया.

उन्होंने इसका कारण बताते हुए महाभारत का हवाला दिया. भूपेश बघेल ने कहा कि भीष्म पितामह के अंतिम दिनों में जब पांडव उनके ज्ञान लेने जाते थे. तब द्रोपदी मंद मंद मुस्कुराती थी. जब द्रोपदी से इसका कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि तब भीष्म पितामह का ज्ञान कहां गया था. जब उनका चीरहरण कर रहे थे. इस पर भीष्म ने कहा कि तब उनकी आंखों पर दुर्योधन के अन्न का पर्दा पड़ा था.

उसी तरह दस साल अजय चंद्राकर के आंखों के सामने रमन सिंह के अन्न का पर्दा पड़ा था. भूपेश बघेल ने इसके बाद पूरी भाजपा को पवन दीवान की कविता के जरिए कटघरे में खड़ा किया. मुख्यमंत्री ने पवन दीवान की ये कविता पढ़ी.

”ओ दुनिया के पापी लोगों
मेरी गंगा में स्नान करो
मेरे सुख से है जलन अगर
चुल्लू भर जल में डूब मरो
मेरी मां-बहनों के सिर पर
यह शांति सत्य की गागर है
खारी मीठी नदियां मिलतीं
मेरा भारत एक सागर है
हम कालजयी हैं, वीर पुरूष
चलता रहता है यज्ञ-समर
हम राम, युद्ध करके हमसे
कितने रावण हो गये अमर
वेदान्त हमारा स्वाभिमान
शिष्टता हमारी सीता है
हर शब्द हमारा सिद्ध मन्त्र
हर सांस हमारी गीता है”

उन्होंने भाजपा के विरोध को घड़ियाली आंसू करार देते हुए उनसे पूछा कि विरोध करना है तो प्रधानमंत्री सम्मान राशि का भूगतान लाखों किसानों को नहीं हुआ है क्या इसकी मांग के लिए वे पीएम के पास चलेंगे. भूपेश बघेल ने कहा कि अगर भाजपा को किसानों की असल में चिंता है तो वे इसके लिए प्रदर्शन क्यों नहीं करते.

वहीं जिस दौरान सीएम भूपेश बघेल आंकड़े पेश कर रहे तभी अजय चनाद्रकर ने उन्हें टोकते हुए कहा कि आपको भी वही लोग आंकड़े दे रहे हैं, ये आंकड़े हमे भी लिखकर मिलते थे, इसलिए हम उधर से इधर आ गए.