रायपुर। कवर्धा में जिस किसान ने धान न बिकने से इच्छा मृत्यु की मांग की थी, वो तब तक 5 लाख रुपये से ज़्यादा का धान बेच चुका था। ये बात कवर्धा के धान खरीदी के दस्तावेज़ों की पड़ताल में सामने आई है। लल्लूराम डॉट कॉम के पास धान खरीदने की पूरे दस्तावेज़ हैं।

22 फरवरी को बिरकोना में चक्का जाम किया गया था। चक्का जाम करने वालों ने धान खरीदी न होने का आरोप लगते हुए कलेक्टर से इच्छा-मृत्यु की मांग की थी। इस बारे में जाम लगाने वाले पिपरिया, बिरकोना और दशरंगपुर पनेक सोसाइटी के प्रदीप चंद्रवंशी, जलेश्वर चंद्राकर और दुधेश्वर सिंह चंद्राकर ने लिखित आवेदन दिया था।

धान खरीदी के दस्तावेज़ बताते हैं कि इच्छा मृत्यु की मांग से 5 दिन पहले 17 फरवरी तक दुधेश्वर चंद्राकर 5 लाख 13 हज़ार का धान बेच चुका था। जिसका भुगतान किया जा चुका था।

दुधेश्वर ने धान बेचने के लिए करीब 32.5 एकड़ ज़मीन दर्ज कराई थी। जिसके एवज में उंन्होने 282 क्विंटल धान बेच दिया था। इसके एवज में उनके खाते में 5 लाख से ज़्यादा की राशि आ चुकी थी।

इस बारे में दुधेश्वर चंद्राकर का कहना है कि उसका 248 क्विंटल धान बिक चुका है। जबकि 200 क्विंटल का टोकन कटा हुआ था। जो अभी तक नहीं बिक पाया है। पूरे पैसे न मिलने से उनके बच्चों की फीस नहीं पट पा रही थी। जिसके चलते उंन्होने इच्छा मृत्यु की मांग की थी।