भूपेंद्र चौहान, रायगढ़. जिले के पंचायत चुनाव में बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. एक पंचायत में आरक्षित महिला के स्थान पर पुरूष चुनाव जीत गया. और निर्वाचन अधिकारी को इसकी भनक तक नहीं लगी. चुनाव परिणाम की शिकायत के बाद भी निर्वाचन अधिकारी कुंभकरणीय नींद में हैं. अब तक लापरवाह अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. वहीं पीड़िता की मांग है कि वार्ड का चुनाव तत्काल निरस्त कर फिर से कराए जाए.

मामला रायगढ़ जिला के ग्राम कुसमुरा का है. जहां वार्ड क्रमांक एक में अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित था, जिसमें अनुसूचित जाति पुरुष साधराम चौहान ने निर्विरोध जीत दर्ज की  और स्थानीय निर्वाचन शाखा ने उन्हें सर्टिफिकेट भी प्रदान किया है. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए 5 जनवरी 2020 तक नाम निर्देशन जमा करने की अंतिम तिथि थी. इसके पूर्व ही ग्राम पंचायतों के पदों का आरक्षण भी तय कर दी गई थी, जिसमें महिला के लिए 50 फीसदी आरक्षण जाति आधार पर निर्धारित किया गया था.

रायगढ़ जनपद पंचायत के क्षेत्र ग्राम पंचायत कुसमुरा के 17 वार्डों के लिए भी आरक्षण तय किया गया था, जिसमें वार्ड क्रमांक 1 के पंच पद के लिए अनुसूचित जाति महिला वर्ग के लिए आरक्षित था, लेकिन इस जाति के कोई भी महिला प्रत्याशी के निर्वाचन नाम निर्देशन नहीं भरा. इस वार्ड से साधराम चौहान ने निर्विरोध अपनी जीत हासिल की, इससे यही प्रतीत होता है कि अंधेर नगरी चौपट राजा की तर्ज पर इस पंचायत चुनाव को कराया गया है.

मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी कुरुवंशी से बात की तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ लिया और कहा कि उस क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर इसके जवाबदार हैं. अब चुनाव हो गया है अब हम इस पर क्या कर सकते हैं?