दुर्ग. नये लैपटॉप खरीदने के तीन चार दिनों में ही गंभीर तकनीकी त्रुटि आ गई, जिसके बाद लगातार शिकायतें करने पर ना तो समस्या दूर की गई और ना ही लैपटॉप बदला गया. इसे व्यावसायिक कदाचरण और सेवा में निम्नता मानते हुए जिला उपभोक्ता फोरम दुर्ग ने निर्माता कंपनी डेल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (बेंगलुरु), सर्विस सेंटर की कम्प्यूटर्स (रायपुर) एवं दुकानदार जैनेक्स लैपटॉप एंड कंप्यूटर वर्ल्ड (दुर्ग) पर 52501 रुपये का हर्जाना लगाया.

दरअसल, शिवपारा दुर्ग निवासी प्रफुल्ल जैन ने जैनेक्स लैपटॉप एंड कंप्यूटर वर्ल्ड दुर्ग से 29 जनवरी 2016 को 39501 रुपये में डेल कंपनी का लैपटॉप खरीदा, जिसमें 2 साल की वारंटी दी गई थी और यह आश्वासन दिया गया था कि लैपटॉप में कोई समस्या नहीं आएगी यदि कोई तकनीकी समस्या आती है तो पूर्ण सर्विस दिया जाएगा. लेकिन खरीदने के तीन-चार दिन बाद ही लैपटॉप में समस्या आने लगी जिसे दुकानदार को दिखाने पर उसने सॉफ्टवेयर अपडेट करके दिया. इसके बाद भी समस्या दूर नहीं होने पर कंपनी के टेक्निकल टीम को मेल किया और सर्विस सेंटर में दिखाया लेकिन समस्या दूर हुई. इसके बाद लैपटॉप के पार्ट्स भी बदले गए फिर भी कोई सुधार नहीं हुआ. युवक ने लगातार कंपनी में ईमेल से भी शिकायत की. लैपटॉप में डीवीडी ड्राइवर, स्पीकर, कीबोर्ड के बटन तथा कनेक्टिविटी की प्रॉब्लम के साथ साथ रैम की स्पीड भी नहीं थी. जब युवक ने लैपटॉप बदल कर दूसरा लैपटॉप देने की बात कही तो इंकार कर दिया गया.

प्रकरण में दुकानदार उपस्थित नहीं हुआ जबकि सर्विस सेंटर और कंपनी ने कहा कि जब-जब परिवादी लैपटॉप सुधार के लिए लेकर आया उसे सुधार कर प्रदान किया गया था. लैपटॉप में किसी प्रकार की हार्डवेयर समस्या नहीं है और जो सॉफ्टवेयर की समस्या है वह परिवादी द्वारा लैपटॉप के असुरक्षित उपयोग का परिणाम है.

दोनों पक्ष के तर्कों एवं दस्तावेजों के आधार पर प्रकरण का विचारण कर जिला उपभोक्ता फोरम दुर्ग के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने यह प्रमाणित पाया कि लैपटॉप में सर्विस सेंटर द्वारा सुधार किया गया था. साथ ही रिपेयर ऑर्डर फॉर्म में लैपटॉप की समस्या एवं उसके पार्ट्स बदले जाने की प्रविष्टियां भी दर्ज है. लैपटॉप खरीदी 29 जनवरी 2016 से 8 अगस्त 2017 तक लगातार समस्या ग्रस्त था. इस दौरान लैपटॉप वारंटी अवधि में ही था. जब लैपटॉप में समस्या गंभीरतम प्रकृति की थी और इसका समाधान किया जाना संभव नहीं था तो परिवादी को लैपटॉप बदलकर नया लैपटॉप देना था या उसकी कीमत वापस लौटायी जानी थी, लेकिन ऐसा नहीं करके युवक के साथ व्यावसायिक दुराचरण एवं सेवा में निम्नता की है.

जिला उपभोक्ता फोरम ने 52501 रुपये हर्जाना लगाया, जिसके तहत निर्माता कंपनी सर्विस सेंटर और दुकानदार लैपटॉप की कीमत 39501 रुपये, मानसिक कष्ट की क्षतिपूर्ति स्वरूप 12000 रुपये, तथा वाद व्यय 1000 रुपये परिवादी को देंगे. साथ में लैपटॉप की कीमत पर 6 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज भी देना होगा.