सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बतौर वित्त मंत्री अपना दूसरा बजट पेश करते हुए शिक्षाकर्मियों को बड़ी सौगात दी है. उन्होंने शिक्षाकर्मियों की शिक्षा विभाग में संविलियन के लिए समय सीमा को आठ वर्ष से घटाकर महज दो साल करने की घोषणा कर दी, इससे 1 जुलाई से 16000 शिक्षाकर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन किया जाएगा. इस घोषणा से शिक्षाकर्मियों में खासा उत्साह है.

शिक्षाकर्मी विरेंद्र दुबे ने कहा कि आज मुख्यमंत्री ने विधानसभा में जैसे ही संविलियन की घोषणा की तब पूरे प्रदेश के शिक्षाकर्मी के परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई. संविलियन किए जाने के इस फैसले पर मैं मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करता हूं. जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलेगा और उन्हें धन्यवाद ज्ञापित करेगा.

उन्होंने कहा कि शिक्षाकर्मी लगभग 23 सालों से संघर्ष कर रहे हैं और अभी तक पूरे प्रदेश में लगभग 1 लाख 60 हजार शिक्षाकर्मियों का संविलियन हो चुका है. ये प्रथा जो समाप्त हुई है ये सभी के लिए खुशी की बात है. शिक्षा कर्मियों का शोषण हो रहा था. जब हमने सेवा की शुरुआत की थी तब हमें कम वेतन मिलता था हमारे लिए पर्याप्त व्यवस्था भी नहीं थी. आज हमें शासकीय सेवक को मिलने वाली सभी सुविधाएं मिल गई.

शिक्षाकर्मी ने बताया कि  तीन चरण में संविलियन हुआ है, प्रथम चरण में एक लाख 5 हजार, दूसरे चरण में 25000 और आज तीसरे चरण में लगभग 16000 शिक्षाकर्मियों का संविलियन हुआ है. आज हमने अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है. अब हमारा दायित्व है कि हम बच्चों को अच्छी शिक्षा दें यही हमारा मूल काम है.