प्रदीप गुप्ता,कवर्धा। अगले सप्ताह होली का त्योहार है और अभी से ही बाजार गुलजार होना शुरु हो गया है. इस बार कवर्धावासियों को केमिकल युक्त गुलाल लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि शहर में ही कम कीमत पर हर्बल गुलाल उपलब्ध हो गया है. दरअसल एक महिला स्व सहायता समूह हर्बल गुलाल तैयार कर रही है. यह गुलाल किसी और चीज से नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के खजुराहों के नाम से ख्यात भोरमदेव मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए फूलों से बनाया जा रहा है. अब तक डेढ़ क्विंटल गुलाल भी पैंकिग होकर बाजार में बेचने के लिए तैयार हो चुके है.

जिले में यह पहली बार है जब स्थानीय लोगों ने फूलों से हर्बल गुलाल बनाया है. हर्बल गुलाल से जहां आम लोगों को केमिकल से बचाव होगा, वहीं महिलाओं को भी आर्थिक लाभ होगा. जिला पंचायत के आजीविका मिशन अंतर्गत बिहान योजना से इन महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है. जिसके बाद ये महिलाएं अब गुलाल बनाकर बाजार में बेचने तैयार है.

भोरमदेव मंदिर सहित जिले भर के मंदिर और अनेक कार्यक्रमों में फूलों का उपयोग होता है. अब तक इन फूलों को बेकार मान कर या तो फेंक दिया जाता था और नदीं तालाब में विसर्जित कर दिये जाते थे. ऐसे में जिले के ग्राम राजानवागांव की महिलाओं ने अपनी आर्थिक स्थिति को देखते हुए पहले तो स्व सहायता समूह बनाया. जिसके बाद जिला पंचायत में अधिकारियों से मिलकर आजीविका के लिए कुछ करने की बातें रखी, जिस पर विभाग द्वारा बिहान योजना अंतर्गत हर्बल गुलाल बनाने के लिए प्रशिक्षण दिये. साथ ही कवर्धा हर्बल गुलाल बनाने के लिए प्राकृतिक सामन जैस फूल, पत्ता भी उपलब्ध कराने के लिए सुझााव दिये.

महिला समूह सदस्य सीमा मानिकपुरी का कहना हम लोग हर्बल गुलाल बना रहे हैं और सामने होली है. जिसको देखते हुए जय गंगा मैया स्व सहायता समूह के नाम से संस्था को चलाते हैं. इसमें 8 महिलाओं की टीम काम कर रही है. हमें जिला पंचायत के आजीविका मिशन अंतर्गत बिहान योजना के तहत महिलाओं को प्रशिक्षण दी गई है. भोरमदेव मंदिर, ओम मंदिर में फूल चढ़ते हैं उसको हर्बल गुलाल बनाते हैं. गुलाल बनाने में कम से कम 15 दिन का वक्त लगता है. अभी तक डेढ़ क्विंटल गुलाल बना चुके हैं. अब बेचने की तैयारी कर रहे हैं. इसमें समूह को आमदनी भी होगा और महिलाओं को रोजगार मिल गया है.

जिला पंचायत सीईओ विजय दयाराम का कहना है राजानवागांव की महिलाएं हर्बल गुलाल बना रही है. भोरमदेव मंदिर में भगवान को फूल चढ़ाते है उसको महिलाओं के द्वारा हर्बल गुलाल बनाने की कम कर रही है. इस समूह को जिला पंचायत बिहान योजना के तहत जिम्मेदारी दी गई है. हर्बल गुलाल से शरीर में किसी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं होता है कम दामों हर्बल गुलाल जिले में पहली बार मिलेगा.

इस हर्बल गुलाल को एक दो दिन के भीतर ही कवर्धा के अलग अलग जगहों पर दुकान लगाकर बेचा जाएगा. साथ ही बिलासपुर और रायपुर के शॉपिंग माॅल में भी संपर्क कर कम कीमत पर गुलाल बेचने के लिए प्रयास किये जा रहे है. महिलाओं को एक किलो हर्बल गुलाल बनाने के लिए 100 रुपए तक खर्च आता है. काफी कम कीमत में गुलाल तैयार हो जा रहा है.