रायपुर। विधानसभा में बजट चर्चा में जारी भाषण के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह सदन में भिड़ गए. दोनों ही नेताओं के बीच इस मुद्दे पर जमकर वार और पलटवार हुआ. रमन सिंह ने कहा कि सरकार अब तक पूर्ण शराबबंदी के वादे को पूरा कर पाने में विफल रही है.  उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि सदन में वे घोषणा करे दे कि शराबबंदी नहीं कर सकते.

रमन सिंह के इस वार पर मुख्यमंत्री बघेल ने पलटवार करते हुए कहा कि सरकार शराबबंदी की ओर अग्रसर है. फिलहाल जो नीति पूर्व सरकार में बनी थी उसी पर ही चल रहे हैं. वर्तमान परिस्थिति में तत्काल शराबबंदी नहीं की जा सकती. शराब के अवैध बिक्री के खिलाफ सरकार सख्त कदम उठा रही है. कहीं भी अगर शराव के अवैध कारोबार का संचालन होगा तो इसकी सीधे जिम्मेदारी एसपी की होगी.

वहीं बात जब बारी और गौठान की आई तो भूपेश बघेल ने रमन सिंह से कहा कि डॉक्टर डॉक्टर साहेब को एक बात समझ लेनी चाहिए कि गौठानों को दस हज़ार की राशि चारे के लिए नहीं है, बल्कि चरवाहों को भुगतान करने के लिए है. डॉक्टर रमन सिंह ने कर्ज का मसला उठाया था. उन्होंने कहा कि हमने किसानों के लिए करजा लिया, लेकिन रमन सिंह ने मोबाइल और स्काई वाक के लिए कर्ज लिया था. उन्होंने कहा कि 47 हज़ार रुपये का कर्ज रमन सिंह ने लिया था, जिसे उन्हें चुकाना पड़ रहा है.

इसके बाद जब भूपेश बघेल ने रमन सिंह के पर कैपिटा इनकम के सवाल पर कहा कि आपके समय पर कैपिटा इनकम ज्यादा थी, लेकिन उसके बाद भई 40 प्रतिशत गरीबी, 40 प्रतिशत कुपोषण और 37 प्रतिशत एनेमिया क्यों था ? इस पर रमन सिंह ने दावा किया कि उनके कार्यकाल में देश में मत्युदर और बाल मृत्युददर कम करने में उनकी सरकार सबसे बेहतर काम कर रही थी. रमन सिंह के इस सवाल पर भूपेश बघेल ने करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि आपके शासनकाल में आदिवासियों को खत्म करने की कोशिश की गई. उनके खइलाफ षडयंत्र रचा गया.  महुआ सड़क पर फेंका जा रहा था. चावल देकर आप चाउर वाले बाबा बने रहे, लेकिन हालात सुधारने के लिए कुछ नही किया. ये असमानता दूर करने का काम हम कर रहे हैं. भूपेश बघेल यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि आपके राज्य में आदिवासी दो तरफा पीसते थे. एक तरफ नक्सली भय दूसरी तरफ पुलिस का खौफ. भूपेश और रमन की नोंकझोंक उस समय अपने चरम पर पहुंच गई, जब भूपेश बघेल ने बोधघाट का जिक्र किया. रमन सिंह ने इस पर कहा कि बोधघाट बनाने के लिए 300 मीटर पानी लिफ्ट करना पड़ेगा. इस पर बजट की बात बाद में होगी. पहले आप डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट दो साल में बनवा कर दिखाइये. इस पर बघेल ने सदन में रमन की चुनौती स्वीकार की.