रायपुर। केन्या से दुबई होते रायपुर लौटने वाले संतोष तिवारी की रिपोर्ट सामने आ गई है. नागपुर से आई रिपोर्ट में वायरस की पुष्टि नहीं हुई है. रिपोर्ट निगेटिव है. इधर रिपोर्ट आने के बाद सामने आई कहानी दिलचस्प है. दरअसल राजधानी लौटने के बाद एयरपोर्ट पर तिवारी ने गले में दर्द और सर्दी-जुकाम से पीड़ित होना बताया था. एहतियात के तौर पर अंबेडकर हास्पिटल में सैम्पल लेकर जांच के लिए नागपुर भेज दिया गया. इस बीच उन्होंने खुद को सेल्फ आइसोलेशन में रख दिया था. 36 घंटों तक वह एक कमरे में एहतियातन बंद रहे. डर इस बात का था कि कहीं यदि वायरस पाॅजीटिव रहा, तो यह दूसरों में ना फैले. इस दौरान घर-परिवार के सदस्यों से उनका किसी तरह का संपर्क नहीं हुआ. नागपुर से आई रिपोर्ट में जब यह स्पष्ट हुआ कि वायरस निगेटिव पाया गया है, तब जाकर वह बाहर निकले.
मूलतः भिलाई के रहने वाले संतोष तिवारी का केन्या में अपना कारोबार है. बीते दिनों वह केन्या से इथोपिया और फिर इथोपिया से दुबई होते हुए मुंबई पहुंचे. मुंबई से रायपुर लौटे. चूंकि इस यात्रा के दौरान दुनिया के कई देशों से आए यात्रियों से उनका संपर्क हुआ, लिहाजा उन्होंने एहतियात के तौर पर एय़रपोर्ट पर खुद ही जांच के लिए जोर दिया. चूंकि गले में दर्द और सर्दी-जुकाम था, लिहाजा उन्होंने यह आशंका जताई कि कहीं कोरोना के लक्षण तो उनमें नहीं है. सतर्कता बरतते हुए उन्होंने एयरपोर्ट के हेल्प डेस्क से संपर्क कर अपने दौरे का ब्यौरा दिया. ब्यौरा पाते हुए अलर्ट हुए स्वास्थ्य महकमे ने उन्हें अंबेडकर अस्पताल लाकर कोरोना वायरस जांचने के लिए सैम्पल लिया और नागपुर लैब भेजा. चूंकि वायरस की पुष्टि के लिए इंतजार करना था,लिहाजा संतोष तिवारी ने खुद को अपने घर के एक कमरे में आइसोलेट कर लिया. वह बताते हैं कि- अगर मैं कंटेमिनेटेड होता, तो इससे परिवार के दूसरे सदस्य प्रभावित हो सकते थे. इस बात का डर था. मैं अपनी यात्रा के दौरान दुबई के माॅल गया, स्टेशन गया, एयरपोर्ट पर अलग-अलग देशों से आए लोगों के संपर्क में आया, लिहाजा डर था कि कहीं कोरोना वायरस की चपेट में कहीं ना आ गया हूं.
संतोष तिवारी ने लोगों को जागरूक करने एक वीडियो बनाया है. यह वीडियो मुंबई एयरपोर्ट का है. वीडियो में तिवारी कहते हैं कि मैं मुंबई एयरपोर्ट पहुँचा. एयरपोर्ट में कोरोना वायरल को लेकर एक डेस्क बनाई गई है, जहां विदेशों से आने वाले लोगों की पहचान की जा रही है. उनसे फार्म भरवाएं जा रहे हैं. लेकिन लोगों में जागरुकता की कमी दिख रही है. कुछ लोग फार्म भर रहे हैं, कुछ फार्म नहीं भर रहे हैं. एयरपोर्ट में कोरोना वायरस के लक्षण का पता लगाने कोई भी यंत्र नहीं है. कई लोगों में यह लक्षण 14 दिनों बाद दिखता है. ऐसे में अगर मुझे यह लक्षण नज़र नहीं आ रहे हैं और मैं जिन जगहों पर जा रहा हूँ, वहाँ लोगों से संपर्क में आ रहा हूँ तो फिर बाद में अगर लक्षण दिखे तो यह जान लीजिए कि मेरे संपर्क में आने वाले लोगों में वही लक्षण फैल सकता है. हालांकि मेरी जांच जो हुई उसमें निगेटिव आया है. छत्तीसगढ़ में फिलहाल कोई भी मरीज नहीं है. लेकिन हमें कोरोना वायरस को लेकर सतर्क रहना होगा. खास-तौर पर हमें सावधानी बरतने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि मैं 27 जनवरी से कोरोना वायरस के मामलो को फाॅलो कर रहा हूं. मुझे जो दिख रहा है कि स्टाॅक मार्केट कोलेप्स हो रहे हैं. क्रुड आयल मार्केट कोलेप्स हो गया है. यह 50 डालर के नीचे चला गया है. चाइना से हमारा काम भी चलता है. 75 करोड़ लोग अपने-अपने घरों में बंद है. जो आफिस में है, वह वहीं है, जो घर पर हैं,वह वहीं है. सार्वजनिक जगह खाली है. इस वायरस का फिलहाल वैक्सीन नहीं है. डब्ल्यूएचओ कहता है कि 18 महीने लगेंगे. वैश्विक महामारी होने के आसार है. 80 देशों में आ चुका है. चाइनीज मोर्टेलिटी रेट ढाई फीसदी है, ग्लोबल चार फीसदी है. इमीग्रेशन पर प्रिकाॅशन ठीक से नहीं किया जा रहा है. सरकार को चाहिए की इमीग्रेशन सेंटर पर रोके.
देखिए वीडियो
https://www.youtube.com/watch?v=8NJ39IP5CCA&feature=youtu.be
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