जयपुर। इंडिया टूडे के समूह संपादक राज चेंगप्पा को 2020 का राष्ट्रीय हल्दीघाटी पुरस्कार दिया गया. ये पुरस्कार महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन ने दिया. पुरस्कार लेते हुए राज चेंगप्पा ने कहा महाराणा प्रताप की तरह पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए साहस, वीरता, निडरता और कभी वशीभूत न होने की इच्छाशक्ति ज़रुरी है. ताकि वो हमेशा स्वतंत्र रहे.
उन्होंने कहा कि भले ही इस युद्ध का परिणाम चाहे जो रहा हो लेकिन ये लड़ाई राजपूतों और भीलों के साहस और उनकी बहादूरी के लिए स्मरणीय है. उन्होंने कहा कि इन गुणों के साथ महाराणा प्रताप और उनकी सेना ने जो बलिदान दिया. वो पत्रकारों के लिए प्रेरणा है. ये गुण पत्रकारों को तब दिखाने की आवश्यता पड़ती है जब सत्ता को सच दिखाने की दरकार होती है.
उन्होंने कहा कि कोई भी राणा अकेले युद्ध नहीं कर सकता. उसी तरह से उन्हें भी उनकी टीम और परिजनों के सहयोग से वे इस पुरस्कार के हकदार बने हैं.
राज चेंगप्पा ने चालीस सालों तक पत्रकारिता की है. वे इंडिया टूडे से पहले वे ट्रब्यून के समूह संपादक रहे. चेंगप्पा इडिटर गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भी रहे हैं. वे 2006 से 2014 तक प्रधानमंत्री के क्लाइमेट चैंज कांउसिल के सदस्य रहे. चेंगप्पा की कई स्टोरीज़ बेहद चर्चित रही हैं. वे मानते हैं कि पत्रकारों की सबसे बड़ी खूबी उसकी जिज्ञासा होती है. जिसके चलते वो सही सवाल उठाता है और सच से पर्दा हटाता है. भले ही ये उन लोगों के लिए असहज हो जो सत्ता में है.