रायपुर। जस्टिस पटनायक की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने बस्तर संभाग के सातों और राजनांदगाव जिला के आदिवासियों के विरुद्ध दर्ज 91 मामलों को वापस लिये जाने की अनुशंसा की है.

सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस एके पटनायक की अध्यक्षता में गठित कमेटी की सात और आठ मार्च को राजधानी के सिविल लाइन स्थित न्यू सर्किट हाउस में हुई दो दिवसीय समीक्षा बैठक में आदिवासियों के विरुद्ध दर्ज 234 मामलों पर विचार किया गया. जिसमें से 91 प्रकरण अभियोजन से वापस लिये जाने हेतु समिति द्वारा अनुशंसा की गई. इस प्रकार 81 प्रकरण धारा 265 ए दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत Plea of Bargaining के माध्यम से न्यायालय से निराकरण करने हेतु अनुशंसा की गई. शेष प्रकरण विचार के पश्चात अभियोजन से वापसी योग्य नहीं पाये जाने पर नस्तीबद्ध किया गया.

इससे पहले अक्टूबर 2019 में समिति द्वारा उपरोक्त आठ जिलों बस्तर, दन्तेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर, कोण्डागांव और राजनांदगांव में रहने वाले आदिवासियों के विरुद्ध दर्ज कुल 404 प्रकरणों को अभियोजन से वापस लिये जाने के संबंध में निर्णय लिया गया तथा 81 प्रकरण धारा 265 ए दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत Plea of Bargaining के माध्यम से न्यायालय से निराकरण करने हेतु अनुशंसा की गई.

बैठक में कमेटी के सदस्य गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, डीजीपी डी.एम. अवस्थी, गृह विभाग के सचिव ए.डी. गौतम, आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास विभाग के सचिव डी.डी. सिंह, डीजी जेल संजय पिल्लै, बस्तर संभागायुक्त अमृत कुमार खलखो, हाईकोर्ट के अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेक रंजन तिवारी, आईजी सीआईडी प्रदीप गुप्ता, आईजी बस्तर रेंज सुंदरराज पी0, डीआईजी सीआईडी एस.सी. द्विवेदी, गृह विभाग के उप सचिव एन.डी. कुन्दानी, अतिरिक्त संचालक लोक अभियोजन जे.पी. पड़वार, संयुक्त संचालक लोक अभियोजन एम.आर. ध्रुव उपस्थित रहे.