रायपुर। कैट के प्रतिनिधि मंडल ने केंद्रीय मंत्री अुनराग ठाकुर से मुलाकात कर जीएसटी एवं आयकर सम्बंधित सुझाव दिये. इसमें जीएसटी में अभी भी बहुत से सुधार की गुंजाइश बताई है. इसके साथ प्रथम तीन वर्षों को ट्रांजिट अवधि में रखते हुए इस अवधि में हुई गलतियों को संशोधन करने के लिए अतिरिक्त समय प्रदान किए जाने की मांग की है. केन्द्रीय मंत्री ने कैट सीजी चैप्टर के सुझाव को ध्यानपूर्वक सुनने के बाद सकारात्मक आश्वासन दिया.

प्रतिनिधि मंडल में कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंड़िया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, प्रदेश कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल शामिल थे. कैट के प्रदेश प्रवक्ता राजकुमार राठी ने बताया कि प्रतिनिधि मंडल ने जीएसटी के क्रियान्वयन को भारत की कर प्रणाली में एक बहुत बड़ा परिवर्तन बताते हुए अनेक सुझाव दिए.

इसमें जीएसटी रिर्टन विलंब से प्रस्तुत करने पर ब्याज की गणना शुद्व कर दायित्व (इनपुट टैक्स क्रेडिट समायोजन) पर करने, 20 अक्टूबर 2019 के पश्चात् प्रस्तुत किये गये 2018-19 के मासिक विवरण पत्र का इनपुट टैक्स क्रेडिट अमान्य किये जाने के सम्बंध में सुझाव प्रदान करने, जीएसटी वार्षिक विवरण के सम्बंध में सुझाव प्रदान करने, अप्रैल 2020 जीएसटी प्रणाली में होने वाले परिवर्तन के संबंध में और ब्याज, पेनाल्टी एवं विलंब शुल्क से छूट प्रदान करने के लिए सुझाव प्रदान दिए.

इसके अलावा माल के परिवहन एवं ई-वे बिल सम्बंधित समस्याएं एवं उनके समाधान हेतु सुझाव प्रदान करने, जीएसटी का रजिस्ट्रेशन सरेंडर करने और उनसे सम्बंधित समस्याओ के निराकरण के लिए सुझाव के साथ स्पॉट ऑडिट संबधित प्रावधान, जीएसटी की दर में कमी करने हेतु सुझाव, एक व्यवसाय एक कर से सम्बंधित सुझाव दिए. आयकर पर कैट सीजी चैप्टर ने सुझाव देते हुए टीसीएस में भारी बदलाव, हाउस प्रापर्टी, टीडीएस, आयकर रिटर्न, आयकर सर्च एवं सर्वे, नगद लेन-देन सीमा से संबंधित सुझाव दिए.

अमर पारवानी ने कहा कि क्रेडिट कार्ड एवं डेबिट कार्ड से ट्रांजेक्शन करने पर लगने वाले स्वैपिंग चार्जेस को पूरी तरह माफ किया जाना चाहिए, जिससे डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिले. लोगों में किए जाने वाले प्रत्येक व्यवहारों का इन्वाइस लेने की आदत होगी, जिससे राजस्व में वुद्धि होगी. देश की इकानामी कैशलेश की ओर अग्रसर होगी.