पुरुषोत्तम पात्रा, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण की ब्रांड एंबेसेडर उर्मिला सोनवानी कस्तुरबा विद्यालय में आगंतुकों को पानी पिलाने का काम कर रही है. ये वो महिला है जिसे मिनी माता सम्मान केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली से कराया गया था. सरकार ने उर्मिला के साहस की दिल खोलकर तारीफ की थी. लेकिन साहस का सम्मान चौकीदार की नौकरी से किया जा रहा है.

ये दास्तां है गरियाबंद की उर्मिला की. जिसने शादी के फेरे से शराबी दूल्हे को बैरंग लौटाने का काम किया था. सरकार ने उर्मिला को लेकर कई वादे किए. प्रदेश के मुखिया डा. रमन सिंह ने देवभोग की इस साहसी बेटी उर्मिला सोनवानी को अप्रैल 2015 में महिला सशक्तिकरण का ब्रांड एंबेसेडर घोषित किया था. इसी महीने महिला बाल विकास विभाग की मंत्री रमशीला साहू ने उसके घर जाकर इस साहसी बेटी के माता-पिता का चरण स्पर्श किया था. उन्होंने उर्मिला को राज्यव्यापी नशामुक्ति अभियान से जोडने और सशक्तिकरण अभियान से जोड़ने के का वादा किया था. 2015 में आयोजित राज्योत्सव मेंं केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली और राज्यपाल के हाथो मिनीमाता सम्मान से नवाजा था. उर्मिला को उसके साहसिक कदम के लिए कई पुरस्कार दिए थे.

इधर सरकार का वादा तो पूरा नहीं हुआ लेकिन उसे  कलेक्टर दर पर वेतन देकर चौकीदार बना दिया. पिछले 2 साल से उर्मिला देवभोग की कस्तुरबा विद्यालय में चौकीदारी कर रही है. वो बतौर चौकीदार चौकादारी करने के अलावा घंटी बजाने,फाईल लाने-ले जाने, छात्रावास में आंगतुको को चाय,पानी पिलाना और उनके जुठे बर्तन को उठाने का काम करती है.

उर्मिला कहती है कोई काम बुरा नही है लेकिन बेहतर होता उसे उसकी इच्छा के अनुरुप गांव की बेटियों को जागरुक करने का काम मिलता. लाटापारा की उर्मिला ने 4 अप्रैल 2015 को चार फेरे लेने के बाद जब दूल्हा शराब के नशे में लड़खड़ा कर गिर गया तो वो इस विवाह के खिलाफ खडी हो गई और दुल्हे को बाराती समेत बैंरग लौटा दिया. 11 अप्रैल को सामाजिक फैसले में उर्मिला के निर्णय को सही ठहराया गया. इसके बाद वो सुर्खियों में आई और उसे ब्रांड एंबेसेडर घोषित किया गया.

इस मामले में हमने कलेक्टर और विभाग के कई बड़े अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. ब्लॉक के परियोजना धिकारी प्रभास साहू ने कहा कि शासन के कोई निर्देश मिले तो जरूर उर्मिला को अभियान से जोड़ा जाएगा.