नई दिल्ली। भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कांग्रेस में जो स्थितियां पहले थी वो आज नहीं है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी जमकर तारीफ की, उन्होंने कहा कि मोदी ने विश्व स्तर पर देश का नाम रौशन किया है. योजनाओं के क्रियान्वयन की क्षमता उनमें है. भविष्य की चुनौतियों को परखना और परखने के बाद उसका सामना करने की क्षमता उनमें है. भारत का भविष्य पूर्ण रूप से उनके हाथों में सुरक्षित है.

इसके पहले अपना संबोधन शुरु करते हुए उन्होंने कहा कि मैं धन्यवाद दूंगा सबसे पहले जे पी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , गृह मंत्री अमित शाह को जिन्होंने मुझे बीजेपी परिवार में आमंत्रित किया. मेरे जीवन में दो तारीख हैं, जो बेहद महत्वपूर्ण रही है. व्यक्ति के जीवन में कई मोड़ आते हैं, जो जीवन को बदल कर रख देते हैं. मेरे जीवन में पहली तारीख 30 सितंबर 2001 जिस दिन मैंने अपने पूज्य पिताजी को खोया. एक जीवन बदलने का दिन था मेरे लिए. और उसी के साथ दूसरी तारीख 10 मार्च 2020 जो उनकी 75 वीं वर्षगांठ थी. जहां जीवन में एक नई परिकल्पना, एक नया मोड़ का सामना करके निर्णय मैंने लिया. मैंने सदैव माना है कि हमारा लक्ष्य जन सेवा होना चाहिए और राजनीति केवल उस लक्ष्य की पूर्ति करने का माध्यम होना चाहिए, उससे ज्यादा नहीं. मेरे पूज्य पिताजी और 18 सालों तक मुझे जो समय मिला, पूरी श्रद्धा के साथ देश-प्रदेश की सेवा करने की कोशिश की. कांग्रेस पार्टी के द्वारा लेकिन आज मन व्यथित है, दुखी भी है क्योंकि जो स्थिति आज उत्पन्न हुई, मैं यह कह सकता हूं कि पूरे विश्वास के साथ कि जनसेवा के लक्ष्य की पूर्ति आज उस संगठन के माध्यम से नहीं हो पा रही है. इसके अतिरिक्त वर्तमान में जो स्थिति कांग्रेस पार्टी में है, वह आज नहीं रही, जो पहले थी.

तीन मुख्य बिंदु है कि एक वास्तविकता से इंकार करना, वास्तविकता से इंकार कर जो इबारत लिखी जाती है, उसका समावेश नहीं करना. जड़ता का जो वातावरण उत्पन्न हुई है, इसके साथ एक नई सोच-विचारधारा के साथ नए नेतृत्व को सही मान्यता न मिलना. इस वातावरण में राष्ट्रीय स्तर पर जो स्थिति हो चुकी है, वहीं मेरे मध्यप्रदेश में एक सपना हमने पिरोया था जब 2018 में सरकार बनी थी, लेकिन 18 महीने में यह सपना पूरी तरह से बिखर गया. चाहे हम किसानों की बात करे जिन्हें हमने कहा था कि ऋणमाफ करेंगे, 18 महीने में यह पूरा नहीं हो पाया, ओलावृष्टि का मुआवजा नहीं मिल पाया. मंदसौर के गोलीकांड के बाद मैंने सत्याग्रहण छेड़ा था, आज भी मध्यप्रदेश में हजारों किसानों के खिलाफ केस लगे हैं. किसान त्रस्त है, नौजवान बेबस है, रोजगार के अवसर नहीं.

वचन पत्र में कहा गया था कि प्रति माह बेरोजगारी भत्ता दी जाएगी, इसकी सुध नहीं. रोजगार का अवसर नहीं बन पाया,लेकिन भ्रष्टाचार का उद्योग खड़ा हो गया.  माफियाराज चल रहा है. राष्ट्रीय स्तर पर अलग विडंबना, राज्य स्तर पर अलग स्थिति.

जब मूल्यों के आधार पर कोई व्यक्ति चलता है, यह सोचकर मैंने निर्णय लिया कि भारत को यदि प्रगति और विकास के रास्ते चलाना होगा, तब मैं अपने आप को सौभाग्यशाली समझता हूं कि जे पी नड्डा, प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने मुझे यह मंच प्रदान किया है.

देश के इतिहास में ऐसा जनादेश किसी भी सरकार को नहीं मिला कि एक बार नहीं बल्कि दो बार प्रधानमंत्री मोदी को मिला है. उस जनादेश का एक सक्रिय क्षमतावान और पूर्ण रूप से समर्पित होकर काम करने की क्षमता मोदी में है. विश्व स्तर पर देश का नाम रौशन किया है. योजनाओं के क्रियान्वयन की क्षमता उनमें है. भविष्य की चुनौतियों को परखना और परखने के बाद उसका सामना करने की क्षमता उनमें है. भारत का भविष्य पूर्ण रूप से उनके हाथों में सुरक्षित है. मैं आज नड्डा जी को धन्यवाद अर्पित करना चाहता हूं कि आज यह मंच उन्होंने मुझे प्रदान किया. मैं उत्सुक हूं नड्डा जी के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी के दिखाए रास्ते पर, गृहमंत्री अमित शाह के दिखाए रास्ते पर, हजारों करोड़ कार्यकर्ताओंके साथ मिलकर जनसेवा और देश के विकास में योगदान का अवसर मुझे मिलेगा.