रायपुर . विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस (COVID-19) को विश्वव्यापी (पेन डेमिक) बीमारी घोषित कर दिया है, जिसका कारण इस बीमारी का तेज़ी से फैलना है. पर एक चीज़, जो कोरोना वायरस से भी तेज फैल रही है, वो है इससे जुड़ी अफवाहे और भ्रांतिया. आज हम ऐसी ही कुछ भ्रांतियों के बारे में चर्चा करेंगे.
- कोरोना मतलब मृत्यु- 2019 के कोरोना वायरस पीड़ितों की संख्या बहुत ज्यादा है, पर उनमे से अधिकतर को मात्र सामान्य लक्षण ही पाए गए थे, 50% से ज्यादा लोग अब पूरी तरह स्वस्थ हो गए है. इसके अलावा पहले से बीमार, बुजुर्ग या छोटे बच्चों को गंभीर बीमारी का खतरा ज्यादा है, पहले से स्वस्थ और युवाओं में कोरोना के कारण अधिकतर सामान्य फ्लू ही देखा जा रहा है.
- खूब पानी पीना, विटामिन सी, प्याज या लहसुन कोरोना का उपचार है- विटामिन सी, लहसुन और पानी का सेवन आपके शरीर के लिए अच्छी चीज है, पर इनसे कोरोना वायरस के ठीक होने के कोई प्रमाण नही है.
- अगर आपको 10 सेकंड तक सांस रोकने में दिक्कत है तो आपको कोरोना है- ये पूरी तरह गलत तथ्य है. कोरोना वायरस के लक्षणों में सामान्य सर्दी खांसी से लेकर सांस लेने में दिक्कते शामिल है, पर इनमे से कोई भी लक्षण सिर्फ कोरोना वायरस के लिए विशिष्ट नही है. किसी भी सांस की बीमारी में ऐसा हो सकता है और इसके विपरीत बहुत से कोरोना के मरीज़ों को सांस लेने में कोई दिक्कत नही भी हो सकती.
- गौ मूत्र और गोबर में कोरोना का इलाज है- अभी तक इस बात के कोई प्रमाण नही मिले है. किसी भी व्यक्ति या पशु के मूत्र एक उत्सर्जित पदार्थ होता है, जिनमे शरीर से निकले हुए बहुत से मलित पदार्थ होते है, जो शरीर को नुकसान भी पहुचा सकते हैं.
- इससे बचने के लिए सभी को मास्क पहनना पड़ेगा- सभी को मास्क पहनने की कोई जरूरत नही है, केवल जो बीमार है या जो बीमारों की सेवा कर रहे है, उन्हें मास्क पहनने की जरूरत है.अपितु गलत तरीके से पहना गया मास्क या बार बार एक ही मास्क पहनना आपके इन्फेक्शन के रिस्क को बढ़ा सकता है.
- रुमाल या कपड़े को दो परत कर के मास्क बनाया जा सकता है- ऐसा मास्क आपको धूल मिट्टी से बचा सजता है, पर वायरस से नहीं बचाएगा. इसके लिए काम से कम तीन स्तरिय (थ्री प्लाई) मास्क पहनना चाहिए, जिसकी एक परत जल प्रतिरोधक होती है. घरेलू मास्क आपकी सुरक्षा नही करेंगे.
- आफ्टर शेव लोशन में पानी मिलाने से घरेलू सेनिटाइजर बना सकते हैं- नहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार एक असरकारी हैंड सेनिटाइजर में अल्कोहल का प्रतिशत कम से कम 60% होना चाहिए. वर्तमान में बहुत से आफ्टर सेव लोशन बिना अल्कोहल के आते है, या उनमे अल्कोहल की मात्रा बहुत कम होती है, उसमें भी पानी मिला देने से वो असरकारी नहीं रहेंगे. घरेलू उपयोग के लिए सेनिटाइजर बनाना आसान तो है, पर इतना भी नहीं. विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट में इसके बहुत सी विधियां बताई गई है जिसे आप देख सकते हैं. वैसे भी जहां तक संभव हो साबुन से हाथ धोना सबसे असरदार उपाय है.
- कोरोना सेंट्रिलिजेड एयर कूलिंग सिस्टम से फैलता है- अभी तक इस बात के कोई प्रमाण नहीं है, बहुत कम ऐसे पैथोजन है, जो इस तरीके से फैल सकते है, कोरोना वायरस के बारे में अभी ऐसा कोई प्रमाण नहीं है.
बालको मेडिसिन सेंटर के एमडी मेडिसीन डॉ अनिमेष चौधरी ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप से आप थोड़ी सी सावधानी से बच सकते है, पर ऐसी भ्रांतियों न केवल आपके बचाव को कमजोर कर देती है, बल्कि आपको और आपके आस-पास वाले के बीमार पड़ने की संभावना भी बढ़ा देते हैं, क्योंकि आप इन अवैज्ञानिक सावधानियों को असरकारक समझ कर कही न कही लापरवाह हो जाते हैं. सावधानियां जरूरी है, और उससे भी ज्यादा जरूरी है उनका वैज्ञानिक और प्रामाणिक होना. कोरोना से डरे नहीं, पर सतर्क रहें. स्वस्थ रहे, मस्त रहे.