दिल्ली/रायपुर। राज्यसभा में आज सांसद रामविचार नेताम अंबिकापुर-बरवाडीह रेल लाइन मुद्दा उठाया. नेताम ने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से पूछा कि छत्तीसगढ़ में कितनी रेल परियोजनाओं का सर्वेक्षण किया चुका है और स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है ? चिरमिरी-बरवाडीह रेल परियोजना का सर्वेक्षण पूरा होने के बाद शुरू क्यों नहीं किया गया है ?
केंद्रीय मंत्री गोयल ने इस सवाल के जवाब में कहा कि छत्तीदसगढ़ में आंशिक रूप से पड़ने वाली 21,046 करोड़ रु. की लागत की 1,382 किलोमीटर की कुल लंबाई वाली 8 नई लाइनों, और 13,220 करोड़ रु. की लागत पर 1,394 किलोमीटर की कुल लंबाई वाली 9 दोहरीकरण परियोजनाएं स्वीकृति के विभिन्न चरणों में हैं. इनमें से 384 किमी की लंबाई वाली परियोजनाओं को यातायात के लिए खोल दिया गया है और मार्च, 2019 तक 6,985 करोड़ रु. का व्यय किया गया है. 2009-14 के दौरान 6 किमी प्रति वर्ष की औसत दर से राज्य में 32 किमी दोहरीकरण परियोजनाओं पर का कार्य शुरू किया गया एवं 2014-19 में, 83 किमी प्रति वर्ष की औसत दर से राज्य में 416 किमी की परियोजनाओं (42 किमी की नई लाइन और 374 किमी की दोहरीकरण परियोजनाओं) पर कार्य शुरू किया गया, जो 2009-14 के दौरान शुरू की गई परियोजनाओं की तुलना में 1200 प्रतिशत अधिक है.
उन्होने यह बताया कि अपेक्षित अनुमोदनों के चिरमिरी से बरवाहडीह नई लाइन परियोजना को बजट 2013-14 में शामिल किया गया था. बहरहाल, चूंकि बिश्रामपुर के रास्ते चिरमिरी से अम्बिकापुर तक लाइन पहले से ही मौजूद है, इसलिए, योजना आयोग से बरवाहडीह और अम्बिकापुर (182 किमी) के बीच नई लाइन के कार्य को ‘सैद्धांतिक रूप से’ अनुमोदन देने का अनुरोध किया गया था. परियोजना की कुल 182 किमी की लंबाई में से 77 किमी झारखंड राज्यध में और शेष 105 किमी छत्तीबसगढ़ राज्य‘में आती है. तत्काडलीन योजना आयोग ने इस शर्त के साथ उपर्युक्तर योजना को ‘सैद्धांतिक रूप से’ अनुमोदन दिया था कि रेलवे संबंधित राज्यक सरकारों से नि:शुल्क भूमि प्राप्त करेगी और कोल इंडिया (जिसके पास भारी निवेश योग्य अधिशेष है) से संयुक्त उद्यम के रूप में इस परियोजना को संयुक्ति रूप से विकास करने के लिए संपर्क करेगी.
छत्तीसगढ़, झारखंड और कोल इंडिया लिमिटेड से नि:शुल्क भूमि उपलब्ध कराने और इस परियोजना को संयुक्तस रूप से विकसित करने के लिए मई, 2013 में अनुरोध किया गया था. उस समय पर न तो छत्तीसगढ़, झारखंड सरकारों ने और न ही कोल इंडिया ने कोई उत्तर दिया. इसलिए, परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया जा सका. अब छत्तीसगढ़ रेल निगम लिमिटेड (सीआरसीएल), छत्तीासगढ़ सरकार और रेल मंत्रालय का संयुक्तन उद्यम ने प्रारंभिक अध्ययम के लिए अम्बिकापुर-बरवाहडीर रेल लाइन का सर्वेक्षण कार्य शुरू किया है. इस परियोजना पर आगे विचार तब किया जा सकता है, जब रिपोर्ट उपलब्धश हो जाएगी और ठोस नतीजे प्राप्ति हो जाएंगे.