नई दिल्ली। मोबाइल के शौकिनों के लिए गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स (जीएसटी) काउंसिल बैठक से बुरी खबर निकलकर सामने आई है. काउंसिल की शनिवार को हुई बैठक में मोबाइल पर लगाए जाने वाले 12 प्रतिशत कर को बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया है.

जीएसटी काउंसिल की 14 मार्च को हुई बैठक में स्थानीय मेटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल सर्विस देने वालों को राहत प्रदान करने के साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट पर पांच प्रतिशत की समानता लाई गई है. इसके अलावा काउंसिल ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए लागू जीएसटी9आर और जीएसटी9सी की जमा करने की अंतिम तिथि 30 जून 2020 तक करने का फैसला लिया है.

खबरों के मुताबिक, 5 करोड़ रुपए से अधिक टर्नओवर वाले करदाता के लिए इस फाइलिंग को अनिवार्य कर दिया गया है. इसके पहले 2 करोड़ तक टर्नओवर वालों के लिए 31 मार्च अंतिम समय सीमा थी. जानकारी के अनुसार, काउंसिल ने उर्वरक और जूतों पर लगाए जाने वाले कर की दर में बढ़ोतरी पर आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए स्थगित कर दिया है. इसके अलावा टैक्सटाइल की कर की दरों को युक्तिसंगत किए जाने के प्रस्ताव को आने वाले समय तक के लिए स्थगित कर दिया है.

बताया जा रहा है कि काउंसिल के समझ नंदन निलेकनी ने विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया है, जिसमें जीएसटी नेटवर्क में नजर आ रही खामियों को दूर करने के लिए आमूलचूल परिवर्तन का रोडमेप प्रस्तुत किया है. निलेकनी ने तमाम संशोधनों को शामिल करते हुए तमाम खामियों को जनवरी 2021 तक दूर कर लेने का काउंसिल को भरोसा दिलाया है.