रायपुर. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने मध्यप्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान को हास्यास्पद और राजनीतिक नासमझी का परिचायक बताया है. उसेंडी ने कटाक्ष किया कि फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करने का दावा करने वाली मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार ने विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कराकर यह स्वीकार कर लिया है कि वह सदन में अपना बहुमत और विश्वास खो चुकी है.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष उसेंडी ने कहा कि मध्यप्रदेश की सियासी नौटंकी में रुचि लेकर भाजपा को कोसने वाले प्रदेश के मुुख्यमंत्री बघेल अब पहले यह साफ करें कि राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट के आदेश के बावजूद सदन का विश्वास हासिल किए बिना विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कराना कौन-सी संवैधानिक व लोकतांत्रिक परम्पराओं का परिचायक है? क्या कांग्रेस अपने बहुमत के जुगाड़ के लिए वक्त जुटाकर खुद हॉर्स ट्रेडिंग करना चाह रही है? उसेंडी ने भाजपा पर संवैधानिक व्यवस्था को तार-तार करने और विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाने पर भी मुख्यमंत्री बघेल को निशाने पर लिया.

उसेंडी ने कहा कि जो लोग अपना घर तक नहीं सम्हाल सकते, वे पड़ोसियों पर अपनी भड़ास निकालकर अपनी जगहंसाई करते फिरते हैं. अपने दल के नेताओं के कद को नापने और पद को छीनकर सर्वशक्तिमान बनने की सत्तावादी प्रवृत्ति से उपजे अहंकार ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस को ये दुर्दिन दिखाए हैं, तो इसमें भाजपा को बीच में घसीटने के राजनीतिक चरित्र से कांग्रेस के नेताओं को बाज आना चाहिए.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष उसेंडी ने कहा कि अराजकता का माहौल बनाना भाजपा नहीं, कांग्रेस की फितरत है और कांग्रेस ने अपनी इस फितरत का परिचय हाल के महीनों में देश में विभिन्न हिस्सों में बखूबी दिया है. स्वयं मुख्यमंत्री बघेल ने सीबीआई, एनआईए, सीएए, आरक्षण जैसे मुद्दों के अलावा हाल के आयकर छापों को लेकर अपने मिथ्या प्रलाप से जो अराजकता फैलाने की कोशिश की है, प्रदेश का जनमानस उसका साक्षी है.

उसेंडी ने आश्चर्य व्यक्त किया कि जिस काम के लिए सीएम ने शपथ लिया है उसे छोड़कर दुनिया भर के मुद्दे पर बात करना यह दिखाता है कि सीएम के पास काफी समय है क्योंकि प्रदेश के हित में इनके करने लायक न कोई विजन है और न इच्छाशक्ति. उन्होंने कहा कि सीएम जनता से किए वादे को निभाने की कोशिश में जुटते तो इन्हें अनावश्यक विषय के लिए समय नही रहता.