रायपुर. भारत में कोरोना वायरस से उपचार के लिए हाइड्रोक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल करने का आदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जारी किया है. इस बीच इसके इस्तेमाल से जयपुर में कोरोना प्रभावित मरीज के ठीक होने की ख़बर भी आई है.
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के एमडी प्रोफेसर बलराम भार्गव की ओर से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री को भेजे गए पत्र में कोरोना को लेकर गठित राष्ट्रीय टॉस्क फोर्स द्वारा प्रोफेलेक्सिस (prophylaxis) यानि प्रतिरोधक औषधि के तौर पर हाइड्रोक्लोरोक्वीन (hydroxycholoroquine) के इस्तेमाल की अनुशंसा की गई है. हालांकि इसके इस्तेमाल की अनुशंसा योग्य डॉक्टर द्वारा कराने के निर्देश दिए गए हैं. ये दवाई शेड्यूल एच की श्रेणी का है. जिसके काफी साइड इफ़ेक्ट भी हो सकते हैं. बच्चो के लिए इसका इस्तेमाल प्रतिबंधित किया गया है.
पत्र के साथ संलग्न दस्तावेज में बताया गया कि हाइड्रोक्लोरोक्वीन को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लेबोरेटरी टेस्ट में असरकारक पाया गया है. वहीं प्री-क्लीनिकल डाटा में भी इस बात के सबूत मिले हैं कि ये कोरोना से लड़ने में कारगर है. इस बात को ध्यान में रखते हुए संदिग्ध कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज में लगे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और कोरोना प्रभावित लोगों की वजह से संक्रमित घरेलू सामानों की सफाई के लिए इसके इस्तेमाल को अनुमति दी गई है.
वेज में इसे लेने की विधि बताए जाने के साथ 15 साल से कम उम्र के बच्चों और रेटिनोपैथी और हाइड्रोक्लोरोक्वीन के प्रति संवेदनशील लोगों पर इस्तेमाल की मनाही की गई है. इस दवा के इस्तेमाल बिना किसी डॉक्टरी सलाह के वर्जित किया गया है.