नई दिल्ली- कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रात 8 बजे अपने संबोधन में ऐलान किया है कि देश की जनता की जान को बचाने के लिए पूरे देश में लाॅकडाउन किया जा रहा है. इस लाॅगडाउन को एक तरह का कर्फ्यू ही माना जाए. यह लाॅकडाउन 21 दिनों यानी तीन हफ्तों का होगा. मोदी ने जनता से अपील की है कि यह वक्त बेहद महत्वपूर्ण है.
मोदी ने एक्सपर्ट्स की राय के आधार पर कहा कि कोरोना वायरस के चेन को तोड़ने 21 दिन सोशल डिस्टेंसिंग बेहद जरूरी है. यदि इन 21 दिनों में हम नहीं संभले तो देश 21 साल पीछे चला जाएगा. यदि नहीं संभले तो देश के कई परिवार हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगे. मैं यह प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं आपके परिवार के सदस्य के नाते कह रहा हूं. इन 21 दिनों तक घर से बाहर निकलना भूल जाएं. सिर्फ एक ही काम करें कि घर पर रहे. प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने घर के दरवाजे पर एक लक्ष्मण रेखा खींच लीजिए. आपको यह याद रखना है कि घर के बाहर आपका एक कदम कोरोना जैसे गंभीर महामारी को आपके घर ला सकता है. आपको यह याद रखना है कि कई बार कोरोना से संक्रमित व्यक्ति शुरूआत में बिल्कुल स्वस्थ लगता है. वह संक्रमित है इसका पता ही नहीं चलता. इसलिए एहतियात बरतिए. घरों में रहिए. जो लोग घर में हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कई बार कोरोना संक्रमित शख्स भी स्वस्थ रह सकता है. इस महामारी संक्रमित व्यक्ति हफ्ते 10 दिन में सैकड़ों लोगों को बीमार कर सकती है. उन्होंने कहा कि WHO का आंकड़ा है कि पहले 1 लाख तक लोगों तक पहुंचने में इसे 68 दिन लगे थे, लेकिन 2 लाख लोगों तक पहुंचने में सिर्फ 11 दिन लगे और 3 लाख लोगों तक पहुंचने में सिर्फ 4 दिन लगे. अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इसे रोकना बहुत मुश्किल होता है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चीन, अमेरिका, इटली, फ्रांस जैसे देश में यह संभाल नहीं पाए. इन देशों की स्वास्थ्य सेवाएं भी बहुत बेहतर हैं. लेकिन इससे निपटने की उम्मीद किरण ये है कि इन देशों के नागरिकों ने सरकारी निर्देशों का पालन किया और घर से बाहर हफ्तों कैद रहे. इसलिए कुछ भी हो जाए अब कुछ भी हो जाए घर से बाहर नहीं निकलना है. हमें इस महामारी को रोकना है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज उस स्टेज पर है, जहां आज का एक्शन तय करेगा कि हम इसे कितना रोक सकते है. यह समय संयम बरतने का है. मोदी ने अपील करते हुए कहा कि हमें अपना वचन निभाना है और उन लोगों के बारे में भी सोचना है जो इस महमारी से एक-एक जीवन बचाने के लिए अस्पताल में काम कर रहे हैं. डॉक्टर, नर्स, वार्ड बाय के बारे में भी सोचिए. उन लोगों के बारे मेंं भी सोचिए जो मोहल्लों और गलियों को सैनिटाइज कर रहे हैं..मीडिया और पुलिसकर्मियों के बारे में भी जो आपको बचाने के लिए दिन रात ड्यूटी कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें रोजमर्रा की जिंदगी में दिक्कत न हो इसलिए आवश्यक चीजों की सप्लाई जारी रखने के लिए सुनिश्चित की जा रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन औऱ विशेषज्ञों की सलाह ली जा रही है. कोरोना के मरीजों का इलाज करने के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है., इससे संसाधन बढ़ाए जाएंगे. इस समय सभी राज्यों की प्राथमिकता स्वास्थ्य ,सेवाएं ही होनी चाहिए. प्राइवेट लैब और अस्पताल भी साथ आ रहे हैं. इस बीच एक बात और ध्यान रखना है कि किसी भी तरह की अफवाह और अंधविश्वास बचें. बिना डॉक्टरों की सलाह के कोई दवा न लें. मोदी ने कहा कि साथियों मुझे विश्वास के आप लोग हर निर्देशों का पालन करेंगे. ये आपके जीवन को बचाने के लिए है. आप अपना ध्यान रखिए और अपनों का ध्यान रखिए. आत्म विश्वास के साथ पूरी तरह ,संयम बरतते हुए हम सब इन बंधनों को स्वीकार करें.