रायपुर। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते देश और छत्तीसगढ़ को 14 अप्रैल तक लॉकडाउन कर दिया गया है. प्रदेश की जनता को मुख्यमंत्री ने घर से नहीं निकलने की हिदायत दी है और अपील की है कि इस आपदा से निपटने के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में ज्यादा से ज्यादा मदद करें. इसी बीच राज्य के करीब 2 लाख 10 हजार शिक्षाकर्मियों ने मुख्यमंत्री सहायता कोष में एक दिन का वेतन देने की घोषणा की है. शिक्षाकर्मी करीब 31 करोड़ 50 लाख रुपए सहायता राशि देंगे.
शालेय शिक्षाकर्मी संघ ने सहायता राशि देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन के लिए लॉक डाउन की घोषणा की है. ऐसे में रोजी मजदूरी करने वाले मजदूरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी ऐसे साथियों के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में ज्यादा से ज्यादा मदद करने की अपील की है. एक शिक्षक होने के नाते हम सभी का दायित्व बनता है कि हम भी ऐसे लोगों की मदद करें.
मदद के तौर पर मुख्यमंत्री राहत कोष में सभी शिक्षक एक दिन का वेतन देने का ऐलान किया है. राज्य के लिए यह काफी बड़ी सहायता राशि होगी. ऐसी पहल हम सब मिलकर कर सकते हैं. शालेय शिक्षाकर्मी संघ ने अपील की है कि देश के विभिन्न राज्य भी कोरोना वैश्विक महामारी के कारण बन्द की स्थिति हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री राहत कोष में भी सहायता किया जा सकता है.
शालेय शिक्षाकर्मी संघ प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने लल्लूराम डॉट कॉम से बताया कि प्रदेश के करीब 2 लाख 10 हजार शिक्षकों से बात हो गई है. सभी ने अपने एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने की घोषणा की है.
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि प्रदेश के शिक्षक अपना 1 दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने की घोषणा करते है. साथ ही कोरोना आपदा के इस दौर में प्रदेश के समस्त कर्मचारियों से भी एक दिन का वेतन देने अपील की है.