सत्या राजपूत, रायपुर। कोरोना वायरस के उपचार के लिए ‘हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन’ को उपयोगी पाया गया है, जिसके इस्तेमाल के लिए चिकित्सा स्टाफ को सलाह दी गई है. लेकिन देखने में आ रहा है कि इस दवा का उपयोग बिना चिकित्सकीय परामर्श के किया जा रहा है, जिसका भविष्य में दुष्परिणाम हो सकता है. ऐसे में इस दवा को उपयोग चिकित्सीय परामर्श के उपरांत ही करने की सलाह दी गई है.
उपसंचालक, छत्तीसगढ़ राज्य आयुर्वेदिक परिषद श्रीकांत राजिम वाले ने बताया कि वर्तमान में कोरोना वायरस के उपचार के विषय में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा का उपयोग केवल उनकी चिकित्सा एवं चिकित्सालय स्टाफ़ को किये जाने की सलाह दी गई है, जो कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज़ का उपचार कर रहे हैं. इस दवा का उपयोग बिना चिकित्सकिय परामर्श के उपयोग करने से भविष्य में दुष्परिणाम देखने को मिलेंगे, इसलिए इस दवा को उपयोग चिकित्सीय परामर्शक के उपरांत ही किया जाए.
उन्होंने बताया कि केंद्रीय सरकार औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 26 के अंतर्गत केंद्र सरकार ने हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन औषधि युक्त किसी भी औषधि की खुदरा बिक्री 1945 की अनुसूची H1 में निर्दिष्ट दवाओं की बिक्री के लिए शर्तों के अधीन कर दिया है.
आईएमए सदस्य डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि सोशल मीडिया में खबर उड़ने केबाद पिछले 15 दिनों से पूरे देश में लोगों ने खुद से मेडिकल स्टोर से खरीद कर यह दवा खाई है. ऐसे लोगों में आने वाले दिनों में दवा के दुष्प्रभाव आने की आशंका है, इससे मलेरिया के भी मरीजों को आने वाले दिनों में दवा की कमी का सामना करना पड़ेगा.