दिल्ली। दुनियाभर में कोरोनावायरस का खौफ लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। कई लोगों को सरकार के लॉकडाउन से दिक्कत है लेकिन दुनियाभर के दो दर्जन से ज्यादा देशों ने लॉकडाउन कर रखा है ताकि वो अपने नागरिकों को इस बीमारी के कहर से बचा सकें।
यूरोप और दुनिया के बेहद विकसित देशों में से एक फ्रांस में कोरोनावायरस से सैकड़ों मौतें हो चुकी हैं। चीन, ईरान, इटली और स्पेन के बाद फ्रांस पांचवां ऐसा देश है, जहां कोरोना वायरस का कहर सबसे अधिक है। फ्रांस ने पूरे देश में 16 मार्च से लॉकडाउन कर रखा है और लोगों के घरों से बाहर निकलने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है।

उधर, कोरोनावायरस के कहर का केंद्र यूरोपीय देश इटली पूरे देश में 10 मार्च से ही लॉकडाउन का ऐलान कर चुका है। इटली में कोरोना वायरस का कहर इस कदर है कि यहां मरने वालों का आंकड़ा दस हजार के पास पहुंच गया है। सरकार ने घर से बाहर निकलने वालों पर तीन हजार यूरो यानि करीब ढाई लाख रुपये जुर्माने का ऐलान किया है। देश मेंं छह करोड़ लोग पंद्रह दिनों से घरों में कैद हैं।

कोरोनावायरस के कहर का शिकार यूरोपीय देश स्पेन इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर चुका है और यहां 14 मार्च से लॉकडाउन कड़े प्रतिबंधों के साथ लागू हैं।

दूसरे देशों की तरह अपने देश को कोरोना के कहर से बचाने के लिए दक्षिण अफ्रीका ने भी 26 मार्च से लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। सरकार ने लोगों के घरों से बाहर निकलने पर रोक लगा दी है। पुलिस और सेना को सड़कों पर उतार दिया गया है। न्यूजीलैंड में भी बुधवार से एक महीने का लॉकडाउन घोषित किया गया है। ब्रिटेन ने सोमवार से लॉकडाउन कर दिया है। कुवैत, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, पोलैंड, डेनमार्क, कोलंबिया, आयरलैंड, पुर्तगाल, चेक गणराज्य, बेल्जियम, नार्वे, चीन, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड, इटली, स्पेन, फ्रांस, स्पेन, जर्मनी और स्लोवेनिया, जार्डन और इस्राइल में भी लॉकडाउन हैं। दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका ने पूरे देश में तो नहीं बल्कि कई राज्यों में लॉकडाउन कर दिया है।