रायपुर। देशभर में फंसे छत्तीसगढ़ के हजारों मजदूरों को जरूरी सुविधाएं देने श्रम विभाग सक्रिय है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस संबंध में संवेदनशीलता दिखाते हुए लगातार पहल की और श्रम विभाग के अधिकारियों से  को जरूरी दिशा निर्देश देकर ऐसे मजदूरों  की मदद कराई । सीएम के निर्देश पर श्रम विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने लगातार सक्रिय रहते हुए  विभिन्न राज्य की सरकारों  और  स्थानीय जिला प्रशासन से समन्वय कर  हजारों मजदूरों  के लिए भोजन और आवास की व्यवस्था कराई है। श्रम विभाग  की इस पहल से मजदूरों में आत्मविश्वास लौटा है ।

देश के 21 राज्यों में लाख डाउन के दौरान छत्तीसगढ़ के 6937 श्रमिक फंसे हुए हैं यह जानकारी श्रम विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने दी है। उनके मुताबिक 6937 श्रमिकों के फंसे होने की सूचना मिली है और इन सभी श्रमिकों से संपर्क कर आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है. सचिव बोरा ने बताया कि 30 मार्च तक कुल 4354 श्रमिकों से संपर्क कर उनके खाने और रहने की व्यवस्था की गई है.

इसी प्रकार आज 31 मार्च को शाम 4:00 बजे तक कुल 2583 श्रमिकों से संपर्क कर उनके रहने खाने की व्यवस्था कराई गई है.  कुल छत्तीसगढ़ के 19 जिलों के श्रमिक 21 राज्यों में फंसे होने की जानकारी मिली है. सबसे ज्यादा श्रमिक महाराष्ट्र में फंसे हैं, जहां उनकी संख्या 1667 बताई गई है. उत्तर प्रदेश में 1348,  जम्मू में 1125,  तेलंगाना में 878,  गुजरात में 381,  कर्नाटक में 295,  आंध्र प्रदेश में 193,  मध्यप्रदेश में 167,  तमिलनाडु में 160 केरल में 155 और पंजाब में 154 मजदूरों के फंसे होने की सूचना श्रम विभाग को मिली है.

श्रम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक कबीरधाम के 1207,  जांजगीर चांपा के 1039,  मुंगेली के 1025,  बलौदा बाजार के 767,  राजनांदगांव के 592,  बेमेतरा के 444,  रायगढ़ के 289,  रायपुर के 250,  बिलासपुर के 270,  दुर्ग के 209,  गरियाबंद के 163 श्रमिकों के दूसरे राज्यों में फंसे होने की सूचना मिली है.

दूसरे राज्यों में फंसे हुए इन सभी मजदूरों को वहां की राज्य सरकार और संबंधित जिले के अधिकारियों से संपर्क करने के साथ-साथ उनके नियोक्ताओं से भी संपर्क कर उनके खान-पान और आवास की व्यवस्था की जा रही है. श्रम विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि मुंगेली जिले के ऐसे मजदूर जो अन्य राज्यों में फंसे हैं. उनके लिए जिला प्रशासन की ओर से ₹104000 की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है. इसी प्रकार कबीरधाम जिला प्रशासन द्वारा उनके जिले के मजदूरों के लिए ₹131000 की व्यवस्था कराई गई है इसके अलावा बेमेतरा जिला प्रशासन द्वारा बाहर फंसे 450 मजदूरों के लिए ₹160000 की आर्थिक सहायता दी गई है.