रायपुर- कोरोना वायरस के संक्रमण का फैलाव रोकने किए गए लाॅकडाउन ने सुपोषण अभियान के तहत एनीमिक बच्चे तथा महिलाओं को दिए जा रहे गर्म भोजन पर ब्रेक लगा दिया है. गर्म भोजन नहीं मिल पाने की वजह से अभियान ना पिछड़े लिहाजा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निर्देश जारी कर कहा है कि लाॅकडाउन के दौरान सूखा राशन जैसे चावल, गेंहू, दाल एवं स्थानीय स्तर पर रूचि एवं उपलब्धता के आधार पर पौष्टिक आहार का पैकेज बनाकर हितग्राहियों को दिया जाए.
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेसी ने कलेक्टरों को पत्र जारी कर कहा है कि लाॅकडाउन अवधि में सूखा राशन हितग्राहियों को दिया जाए. उन्होंने लिखा है कि चावल की प्राप्ति खाद्य-नागरिक आपूर्ति विभाग से ही निर्धारित दर पर प्राप्त किया जाए. सचिव ने कहा है कि प्राथमिकता से इस निर्देश का पालन सुनिश्चित किया जाए.
गौरतलब है कि राज्य में छह माह से छह वर्ष तक के कुपोषित और एनीमिक बच्चे तथा 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग की एनीमिक महिलाओं को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए 2 अक्टूबर 2019 से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत पौष्टिक गर्म खाना वितरित किया जाता है, चूंकि कोरोना वायरस की वजह से राज्य लाॅकडाउन है, लिहाजा गर्म खाना वितरित नहीं हो पा रहा है, इन परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लाॅकडाउन अवधि में सूखा राशन वितरित किए जाने के निर्देश दिए थे.
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