लोकेश साहू धमतरी. कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन होने और सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने के आदेश के बावजूद धमतरी के एक प्राथमिक शाला में बच्चों के पालकों को बुलाकर खाद्यान्न वितरण किया जा रहा था. इस मामले में लापरवाही बरतने वाले विकासखंड शिक्षा अधिकारी एवं सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी समेत तीन लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.
बता दें कि नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जिले के सभी शैक्षणिक संस्थाओं को बंद किया गया है. शासन के निर्देशानुसार मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत सूखा खाद्यान्न बच्चो के घर तक पहुंचाकर दिया जाना है, लेकिन शासन के आदेश की अवहेलना करते हुए शहर के मेनोनाइट हिन्दी स्कूल के प्रधानपाठक द्वारा बच्चों एवं पालकों को आज सुबह स्कूल में बुलाकर खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा था.
इससे स्कूल में अनावश्यक भीड़ की स्थिति निर्मित हो गई. ड्यूटी पर उपस्थित पुलिस कर्मियों द्वारा वस्तुस्थिति की जानकारी मिलने पर जिला शिक्षा अधिकारी बिपिन देशमुख ने धमतरी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी डीआर गजेन्द्र को निरीक्षण करने के निर्देश दिए. लेकिन वे स्कूल में उपस्थित नहीं हुए. वहीं सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी संजीव कश्यप को स्कूल का निरीक्षण करने दायित्व सौंपा गया. लेकिन वे भी सुबह 10.15 बजे तक स्कूल में उपस्थित नहीं हुए.
दोनों अधिकारी ने उच्चाधिकारी के निर्देशों की अवहेलना करने पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के विपरीत कार्य कर पदीय दायित्वों के निर्वहन करने में लापरवाही बरतने की वजह से जिला शिक्षा अधिकारी ने उक्त दोनों अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इसी तरह लॉकडाउन के बाद भी स्कूल खोलकर पालको और बच्चों को खाद्यान्न वितरण करने वाले प्रधान पाठक को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.