सुप्रिया पांडे,रायपुर। कोरोना वायरस का वायरल इलाज का वीडियो टिक टॉक पर देखना दो परिवारों को इतना महंगा पड़ गया, कि उनकी जान पर बन आई. दोनों परिवारों ने टिक टॉक पर बताए गए अजीबों गरीब नुस्खे को अपनाकर देखा तो उनकी हालत बिगड़ गई और अस्पताल में भर्ती करना पड़ा.

दरअसल ये पूरा मामला आंध्रप्रदेश के चित्तूर का है, जहां दो परिवारों ने टिक टॉक में बताए जा रहे घरेलू नुस्खे आजमाना शुरू किया, तो लेने के देने पड़ गए. परिवार के 11 लोगों की तबीयत बिगड़ गई. जिसे देखते हुए सभी को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ गई. परिवार के 11 सदस्यों में दो बच्चे भी बीमार हो गए.

टिकटॉक पर दोनों परिवारों ने एक वीडियो देखा जिसमें ये दावा किया गया कि ‘उम्मेठा काया’ खाने से कोरोना वायरस से लड़ने के क्षमता बढ़ती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है. बता दें कि उम्मेठा काया धतूरे के पेड़ का जहरीला और कांटेदार फल है. इतना ही नहीं उस वीडियों में ये तर्क दिया गया था कि ‘उम्मेठा काया’ की संरचना कोरोना वायरस को जन्म देने वाले वायरस सार्व-कोव 2 से मिलती है जिस वजह से ये फल उस वायरस पर सीधे हमला कर उसे नष्ट कर देता है.

उम्मेठा काया के सेवन से पीड़ितों की ह्रदयगति बढ़ने के साथ ही शरीर गर्म होने लगा, मुंह सूखने लगा और चकत्ते पड़ने के साथ ही त्वचा में चुनचुनाहट महसूस होने लगी थी. मरीजों की हालत काफी गंभीर हो गई थी लेकिन समय में इलाज मिलने से सभी बुधवार को ठीक हो गए. पीड़ित परिवार ने स्वस्थ्य होने के बाद वीडियो की तालाशी शुरु की तो वे नाकाम हो गए परिवार वालों के मुताबिक ये वीडियो सभी ने पेज स्क्रॉल करते समय देखा था फिलहाल पुलिस फर्जी दवा बताने वाले वीडियो की तलाश में जुटी हुई है.

कोरोना वायरस का डर लोगों के जहन में कुछ इस कदर फैल गया है कि लोग इससे बचने के लिए सोशल मीडिया के वायरल वीडियो का उपचार आजमाते नजर आ रहे है. जो उन्हीं के लिए खतरा बनता जा रहा है. लल्लूराम डॉट कॉम आपसे ये अपील करता है कि ऐसे ही किसी भी वीडियो पर विश्वास ना करें, घर पर ही सुरक्षित रहें.