सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना को लेकर जारी जंग के बीच सियासी लड़ाई भी शुरू हो गई है. कांग्रेस सरकार और भाजपा के बीच वार और पलटवार चल रहा है. अब भाजपा सांसद सुनील सोनी प्रेसवार्ता कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर सीधा निशाना साधा है. सांसद सोनी ने तो यहाँ तक कह दिया कि उन्हें मुख्यमंत्री के बयान पर गुस्सा आने लगा है. वे सिर्फ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की निंदा करने, केंद्र सरकार को कोसने में लगे हैं. जबकि सच्चाई ये है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना टेस्ट की रफ्तार बहुत धीमी है. और इसके लिए जिम्मेदार मुख्यमंत्री बघेल खुद हैं. क्योंकि वे भी तक प्रदेश में एक ही एम्स के जाँच के ही भरोसे हैं. छत्तीसगढ़ में 80 हजार लोग क्वारेंटाइन है, लेकिन जाँच अब तक सिर्फ 3300 की हुई है.
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में और लैब खोलने की आवश्यकता है. मैंने उन्हें सप्ताह भर पहले मेकाहारा में लैब खोलने का निवेदन किया था. इसके लिए एम्स के डॉक्टर सहयोग देने को भी तैयार हैं. लेकिन सरकार अब तक वहाँ लैब नहीं खोल सकी है. एम्स के डॉक्टर अन्य जगह पर लैब खोलने के लिए तैयार हैं, ट्रेनिंग देने को तैयार हैं, लेकिन सीएम बघेल तो बस केंद्र सरकार कोसने में लगी है. उन्होंने एम्स के डॉक्टरों की तारीफ करते हुए कहा कि वे सभी बहादुरी से काम कर रहे हैं. ऐसे डॉक्टर धन्यवाद के पात्र है. जानकारी के मुताबिक दो घंटे के अंदर एक बार में 48 टेस्ट होते हैं, लेकिन एम्स के डॉक्टर हर 400 सैंपल टेस्ट कर रहे हैं. अभी तक छत्तीसगढ़ में 3310 सैंपल की जाँच हो चुकी है. वैसे तो एम्स के अंदर में वेंटिलेटर की स्थिति वाले लोगों की भर्ती की जानी चाहिए, जो लोग चलते फिरते पॉजिटिव पाए गए है उनकी व्यवस्था अन्य अस्पतालों के अंदर की जानी चाहिए.
वहीं उन्होंने राज्य सरकार पर यह भी आरोप लगाया है कि मुझे कहते हुए 15 दिन हो गए कुछ अनुसंधान केंद्र है जिसे सेंटर बनाना चाहिए. लोगों के साथ स्टाफ भी बहुत है. वहां 14 एकड़ की जमीन भी है, लेकिन सरकार को मतलब नहीं है. केवल बयानबाजी में जुटी हुई है. मैं राज्य सरकार को आग्रह कर रहा हूं कि नौटंकी बंद करिए आप अच्छे कलाकार हो सकते हैं, लेकिन यह कलाकारी का समय नहीं है. इस समय राज्य के अंदर में ऐसी व्यवस्था करिए जहां पर अन्य मरीज भी एडमिट हो पाए. आपने कटघोरा को लेकर फरमान जारी किया है कि सबका टेस्ट होना चाहिए, लेकिन व्यवस्था कहाँ है भाई ? फिजूल बयानबाजी की बजाय व्यवस्था करें. कल रात को केंद्र ने ये अधिकार दे दिया है कि एम्स के दो लोगों को ये अधिकार है कि वे कहीं भी लैब खोल सकते है, एम्स के पास सर्टीफिकेट देने का अधिकार है, लेकिन राजनीति औऱ नौटंकी के बीच में छत्तीसगढ़ की जनता को फंसाया गया है.
वहीं उन्होंने लॉक डाउन को लेकर भी सरकार को घेरते हुए कहा कि इस संदर्भ में सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए. दायरे सीमित करना चाहिए और उन क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले थानों को निर्देशित कर उन्हें ये अधिकार देना चाहिए कि लॉकडाउन पर मिलने वाली छूट का दुरुपयोग ना हो.