लोकेश साहू, धमतरी. शासन के समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान में रेत और भूसे की मिलावट करने का मामला सामने आया है. इसमें सोसायटी प्रभारी और समिति संचालक मंडल के खिलाफ प्रकरण तैयार कर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. बता दें कि राज्य सरकार द्वारा 1 दिसंबर से 20 फरवरी तक समर्थन मूल्य पर धान खरीदी किया गया है. धमतरी जिले में भी 85 उपार्जन केंद्रों में करीब 47 लाख 75 हजार क्विंटल धान की खरीदी हुई है. किसानों से खरीदे गए धान का उठाव राईस मिलरों के द्वारा किया जा रहा है.

जिले के कई सोसायटी में अभी भी लाखों क्विंटल धान उठाव के लिये शेष है. इसी बीच मगरलोड ब्लाक के ग्राम नवागांव खिसोरा से खबर आई कि यहां सोसायटी प्रभारी और समिति संचालकों द्वारा ट्रैक्टर से रेत मंगवाया गया है. रेत को धान से भरे 40 किलो के बोरियों में मिलावट किया जा रहा है. इस मिलावट के लिए गांव के स्कूली बच्चों का सहारा लिया गया.

मामले की सूचना मिलते ही मगरलोड ब्लाक ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष व जपपद उपाध्यक्ष राजेश कुमार साहू, सभापति जनपद बूलेश्वर साहू, सर्वेश बाफना, नारद साहू, पोखन कंवर गोवर्धन साहू, राइस मिलर दिलीप बाफ़ना अध्यक्ष कुरुद एसोसिएशन, हितेंद्र केला मौके पर पहुंचे थे. इनके द्वारा प्रशासन के अधिकारियों को सूचना दी गई. सूचना मिलते ही कुरुद एसडीएम योगिता देवांगन, तहसीलदार भूपेन गावडे सहित खाद विभाग के अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे.

अधिकारियों ने मौके पर रखे बोरे में से धान को बाहर निकलवाकर साफ कराया. इसके बाद प्रत्येक बोरे में ढाई से तीन किलोग्राम रेत और 500 से 1000 ग्राम धान की भूसी मिले. जांच में शिकायत सही पाए जाने पर सोसाइटी प्रभारी और समिति के संचालक मंडल के विरुद्ध प्रकरण तैयार कर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.

पांच बोरे की तौलाई कराई गई

कुरूद एसडीएम योगिता देवांगन ने बताया कि धान के बोरे में रेत मिलाने की शिकायत मिली थी. जिसके बाद मौके पर पहुंचकर जांच की गई. सोसायटी में रखे बोरियों में से 5 बोरी के धान को निकलवाकर छनवाया गया. कुल 40 किलोग्राम वजनी प्रत्येक बोरे में ढाई से 3 किलोग्राम रेत और 500 से 1000 ग्राम तक धान की भूसी पाई गई है. वही मौके पर मौजूद बच्चों से पूछताछ करने पर सभी ने अपना उम्र 16 से 17 वर्ष बताया. फिलहाल पंचनामा तैयार कर लिया गया. अग्रिम कार्रवाई के लिए प्रकरण को कलेक्टर धमतरी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा.

ऐसा रहा तो धान का उठाव संभव नहीं- रोशन चंद्राकर

छत्तीसगढ़ राइस मिल एसोसिएशन के रोशन चंद्राकर ने कहा है कि सोसायटी में रखे धान कई बार बारिश होने के कारण खराब हो चुके हैं. धान के बोरे में शॉर्टेज भी आ रहा है. इस शॉर्टेज से बचने के लिए अब समितियों द्वारा धान में रेत मिलाने की कालाबाजारी की जा रही है. चूंकि मार्कफेड से अनुबंध के अनुसार राईस मिलरों को एफएक्यू धान देना है. ताकि कस्टम मिलिंग हो सके. लेकिन इस तरह का खराब धान वो भी रेत और भूसी मिलाकर दिया जाएगा तो कस्टम मिलिंग नहीं हो पाएगा. ऐसी स्थिति में राइस मिलरों द्वारा धान का उठाव कर पाना संभव नहीं होगा. प्रशासन इस दिशा में कड़ा कदम उठाते हुए कार्रवाई करें.