रायपुर। कोरोना वायरस तथा लॉकडाउन के कारण किसान मंडी तक अपनी उपज को बेचने नहीं ला पा रहा है इसलिए इस लॉकडाउन के समय में किसान एवं व्यापारी मंडी प्रांगण के बाहर सौदा पत्रक के माध्यम से सीधी खरीदी का लाभ लगातार ले रहे हैं। 22 मार्च से 6 अप्रैल तक लगभग 14.95 लाख क्विंटल अधिसूचित कृषि उपज सीधी खरीदी के माध्यम से क्रय-विक्रय हुआ है। किसान और किसान उत्पादक संगठन अपनी कृषि उपज को सीधे व्यापारी/प्रसंस्करण कर्ता को सौदा पत्रक के माध्यम से विक्रय कर इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए नजदीकी मंडी समिति में दूरभाष से सम्पर्क किया जा सकता है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि भारत सरकार द्वारा कोरोना महामारी के संक्रमण से रोकथाम के लिए पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय नई दिल्ली के पत्र 27 मार्च एवं छत्तीसगढ़ शासन का पत्र 28 मार्च द्वारा इस लॉकडाउन में आंशिक छूट प्रदान करते हुए मंडी समितियों को प्रारंभ करने के दिशा-निर्देश दिये गये थे। जिसके अनुक्रम में मंडी बोर्ड द्वारा सीमित मानव संसाधन का उपयोग करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग, साफ-सफाई, मास्क इत्यादि आवश्यक सावधानियों के पालन के साथ मंडियों में क्रय विक्रय प्रारंभ करने के निर्देश प्रसारित किए गए थे। इस निर्देश के बाद भी लॉकडाउन के कारण आ रही कठिनाइयां, सोशल डिस्टेंसिंग की सावधानी एवं परिवहन में के रोक-टोक के कारण मंडियों में आवक में कमी देखी गयी। तत्पश्चात् भारत सरकार द्वारा 4 अप्रैल के पत्र द्वारा आग्रह किया गया है कि कोरोनो संक्रमण के कारण आ रही कठिनाइयों के कारण किसानों को अपने घर से ही कृषि उपज को सीधे व्यापारियों को बेचने की सुविधा हो इस दृष्टि से मंडी प्रांगण के बाहर सीधी खरीदी की अनुमति प्रदान की जाए।
छत्तीसगढ़ में मंडी अधिनियम तथा उपविधि में सीधी खरीदी का प्रावधान पूर्व से ही है। उपविधि के अनुसार यदि कोई विक्रेता अपनी कृषि उपज को मंडी प्रांगण तक विक्रय हेतु नहीं ला पाता है या आपसी सौदा के आधार पर बेचना चाहता है तो वह सौदा पत्रक के द्वारा अपनी उपज बेच सकता है। ऐसे में विक्रेता को अपनी उपज मंडी में लाने की आवश्यकता नहीं होती है एवं वह सीधे क्रेता को सौदा पत्रक के आधार पर अपनी उपज बेच सकता है।