दिल्ली। बांग्लादेश ने 1975 के तख्तापलट में शामिल सेना के एक पूर्व कैप्टन को सरकार ने फांसी दे दी है। इसी तख्तापलट में बांग्लादेश के संस्थापक और बेहद सम्मानित नेता शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या कर दी गई थी।
शेख मुजीबुर्रहमान के हत्यारे अब्दुल मजीद को आधी रात को 12 बजकर एक मिनट पर ढाका सेंट्रल जेल में फांसी पर लटका दिया गया। खास बात ये है कि ये हत्यारा 25 साल तक भारत में छिपे रहने के बाद मंगलवार को ढाका से गिरफ्तार किया गया था। बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने मंगलवार को उसकी दया याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसे फांसी देने का रास्ता साफ हो गया था।

बांग्लादेश में पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद उसने बताया कि वह पिछले 25 सालों से भारत के कोलकाता में छुपकर रह रहा था। अब्दुल माजिद की गिरफ्तारी सरकार के लिए बेहद अहम है क्योंकि बांग्लादेश इस साल अपने संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान की जन्म शताब्दी मना रहा है। अब्दुल माजिद ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि उसने ही शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या की थी। माजिद, रहमान की हत्या में शामिल उन दर्जनों लोगों में शामिल था, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने साल 2009 में फांसी की सजा सुनाई थी।