रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर जारी लॉकडाउन से प्रभावित गरीब-मजदूर परिवारों की सहायता के मामले में प्रदेश सरकार पर झूठी वाहवाही बटोरने का आरोप लगाया है। मूणत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने न तो अपने हिस्से का एक भी ऐसा काम किया है जिससे कोरोना संक्रमण के विरुद्ध केंद्र की लड़ाई में ज़रा भी मदद मिलती। न ही वास्तविक जरूरतमंद परिवारों को राहत तक मुहैया कराने में कोई ख़ास कर पायी है।

पूर्व मंत्री मूणत ने कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सुर में सुर मिलाने से इस संकट से पार नही पाया जा सकता। सीएम बघेल को ऐसे मुग़ालते से बाहर आना चाहिए।

मूणत ने कहा कि मुख्यमंत्री मैदानी सच्चाई से मुँह मोड़ कर केवल मीडिया में अपना स्तुतिगान कराने में लगे हुए हैं। गैर सरकारी समाजसेवी एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को जरूरतमंद परिवारों की सहायता से रोकने वाले मुख्यमंत्री को गली-मोहल्लों का हाल लेना चाहिए जहाँ हजारों-हजार परिवार राशन के अभाव और दीगर संकटों से जूझने के लिए विवश हैं। मूणत ने कहा कि सरकार बिना राशन कार्ड वाले परिवारों को भी राशन मुहैया कराने का दावा तो कर रही है, लेकिन वास्तव में उन परिवारों को निःशुल्क राशन उपलब्ध नहीं हो रहा है और प्रदेश सरकार इस सच्चाई को छिपाते हुए डींगें हांक रही है।

पूर्व मंत्री मूणत ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में पार्षदों से उनके वार्डों के ऐसे परिवारों की सूची मंगवायी गई है जिनके पास राशन कार्ड नहीं है और आज जिन्हें इस संकटकाल में काफी दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। पार्षदों ने ऐसे परिवारों की सूची बनाकर नगरीय निकायों को सौंप दी है, लेकिन कांग्रेस के सत्ताधीश जरूरतमंदों तक राशन सामग्री पहुँचाने के प्रति उदासीन हैं। उल्टे, अनाज संकट दूर करने के लिए जिस तरह बन्दरबाँट के हालात बना दिए गए हैं, उससे जरूरतमंद परिवार जरा भी राहत महसूस नहीं कर पा रहे हैं। मूणत ने कहा कि श्रेय और वाहवाही लूटना छोड़ प्रदेश सरकार को मैदानी स्तर पर ईमानदारी से काम करना चाहिये। उन्होंने कहा कि यह समय राजनीति से ऊपर उठ कर काम करने का है।