रायपुर। लॉकडाउन के बीच छत्तीसगढ़ के लिए अच्छी ख़बर है कि उसके जंगल में वन भैसों की संख्या बढ़ाने के लिए असम से जंगली भैसों को लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. पहले चरण में असम से 2 वन भैसें छत्तीसगढ़ के लिए रोड के रास्ते रवाना हो गए हैं. इसका एक्सक्लूसिव वीडियो लल्लूराम डॉट कॉम के पास है. लाये जा रहे भैसों में एक नर और एक मादा है. वन विभाग के 18 अधिकारियों, कर्मचारियों और एक वेटेनरी डॉक्टर का दल वन भैंसों के साथ रवाना हुआ है.

छत्तीसगढ़ में राजकीय पशु के मादा की कमी के बाद राज्य सरकार ने असम से लाकर इनकी संख्या बढ़ाने का फैसला किया है. कुल 5 मादा वन भैसें लाने की अनुमति ज़ू अथॉरिटी ऑफ इंडिया से मिली है. जिसमें से पहली मादा लाई जा रही है. वन विभाग कुछ मादाओं को बार नवापारा में और कुछ मादाओं को गरियाबंद के उदंती में रखेगा. जहां नर वनभैसों का समूह मौजूद है. वन विभाग को उम्मीद है कि मादाओं के आने से जंगली भैसों की संख्या में इज़ाफ़ा होगा.

गौरतलब है गरियाबंद में प्रदेश की एकमात्र वन भैंसी आशा है जिसने हाल में एक नर बच्चे को जन्म दिया है. जानकार बता रहे हैं कि अब वो बढ़ी हो चुकी है और बच्चे को जन्म नहीं दे पाएगी. इस मादा से जंगल विभाग ने क्लोन के ज़रिए एक मादा पैदा करवाया था जो जंगल सफारी में है.

विश्व में सम्भवतः पहली बार हो रहा है यह कि वन भैंसों को एक प्रदेश के जंगल से दूसरे प्रदेश के जंगल में ट्रांसफर किया जा रहा है. दोनों भैंस हीफर हैं. ये कुछ महीनों बाद प्रजनन योग्य होंगे। इन्हें बार नवापारा अभ्यारण में रखा जाएगा. वन भैसें कल देर रात तक बार नवापारा पहुंचेंगे. इन्हें ओडिशा होते हुए लाया जा रहा है. आज रात ये ओडिशा में ही रुकेंगे. उसके बाद कल रात छत्तीसगढ़ पहुचेंगे.

वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक बार नवापारा में इन्हें 14 दिन तक क्वारंटाइन किया जाएगा. वहां मुक्कमल व्यवस्था कर ली गई है. लाने वाले टीम के हर सदस्य को भी 14 दिन तक क्वारंटाइन किया जाएगा.

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