रायपुर- राजस्थान के कोटा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने गए छत्तीसगढ़ के सैकड़ों छात्र छात्राओं के लिए राहत देने वाली खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने कोटा में पढ़ रहे छत्तीसगढ़ के छात्र-छात्राओं की संख्या का अनुमान लगाने के लिए एक पहल शुरू की है और उसके बाद इन छात्र-छात्राओं को वापस लाने के उपायों पर विचार कर सरकार तुरंत निर्णय लेने जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस संबंध में बातचीत भी की है और छात्र छात्राओं को कोटा से वापस लाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय में अनुमति लेने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
छत्तीसगढ़ सरकार के निर्देश पर संचालित राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम द्वारा प्रदेश के सभी अभिभावकों से यह आग्रह किया गया है कि कोटा से आना चाह रहे बच्चों के पालको से कहें कि वे अपने अपने जिले के कलेक्टर या कन्ट्रोल रूम में आवेदन/जानकारी दे ताकि बच्चों की उचित व्यवस्था की जा सके। दरअसल सरकार के पास कोटा में फंसे छात्र-छात्राओं की संख्या के बारे में समग्र जानकारी नहीं है, जिसके चलते वाहन आदि की व्यवस्था करने में सरकार को असुविधा हो रही है। यदि कोटा में फंसे कुल लोगोंं की संख्या का अंदाज लग जाए तो सरकार को व्यवस्थाा करने और निर्णय लेनेे में सुविधा हो जाएगी।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के सैकड़ों छात्र-छात्राएं हर साल मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोटा जाते हैं, लेकिन इस समय लॉक डाउन की वजह से यहां के छात्र-छात्रा कोटा में ही फंस कर रह गए हैं ।कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर कोटा में रह रहे छात्र छात्राओं के अभिभावक बेहद चिंतित हैं और अपने अपने बच्चों को वापस लाने के लिए पिछले 15 दिनों से लगातार प्रयास कर रहे हैं। लेकिन राज्य सरकारों की ओर से अनुमति नहीं मिलने के कारण वह अपने बच्चों को कोटा से वापस लाने में असमर्थ हैं। कोटा में फंसे परेशान छात्र छात्रा इन दिनों अपने घर वापसी के लिए ट्विटर पर #सेंटबैकहोम अभियान भी चला रहे हैं।
छात्र छात्राओं के इस अभियान पर संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने कोटा से 8000 छात्र-छात्राओं को लाने के लिए 252 बसों की व्यवस्था कर दी है, जिसके बाद कोटा में फंसे उत्तर प्रदेश के सभी छात्र छात्रा वापस लौट सकेंगे । उत्तर प्रदेश सरकार की इस पहल के बाद दूसरे राज्य सरकार भी अपने अपने यहां के छात्र छात्राओं को वापस लाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।