सत्यपाल राजपूत, रायपुर. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने रैपिड टेस्टिंग किट टेंडर में गड़बड़ी करने वाली कंपनियों को तीन साल के लिए ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि L1 ने 117 रुपया की रेट में टेंडर जारी हुआ था, लेकिन टेंडर कंपनी ने आनाकानी किया. गलती से शून्य लगाने में भूल होने का तर्क दिया और हाथ खड़े कर दिए. तीन अलग ऐल्फ़ कंपनी से टेंडर में ऐसी गलती हुई है. इसलिए तीनों कंपनी के लाइसेंस और उन्हें तीन साल तक ब्लैकलिस्ट करने कमेटी को आदेश किया गया है. साउथ कोरिया की कंपनी को ही L2- को 337 रुपए + जीएसटी की दर पर टेंडर दिया गया है.
टीएस सिंहदेव ने कहा कि रैपिड टेस्टिंग किट के लिए ई टेंडर का परिणाम जारी हो गया था. 16 अप्रैल को ही वर्क ऑर्डर दे दिया गया था, लेकिन जैसे पहले टेंडर में जो समस्या आई थी, वहीं इस टेंडर में भी आई. ऑर्डर जारी होने के बाद भी ग़लत बर्ताव किया और टेंडर लेने से इंकार कर दिया. फिर 337 रुपए + जीएसटी में जो टेंडर हुआ है, देश में प्रचलित दरों से काफ़ी कम है. 75 हज़ार की ख़रीदी में एक करोड़ 92 हजार 494 का रेट आया. ये साउथ कोरिया की कंपनी है जो देश में ही मैन्यूफैक्चर कर रही है.
पहले, दूसरे और तीसरे टेंडर में ऐसे टेंडर कंपनियों ने ग़ैर ज़िम्मेदाराना व्यवहार किया और हमसे गलती हो गई ऐसी बात कही तो उसको लेकर आदेश किया गया है कि उनको तीन साल तक ब्लैकलिस्ट किया जाए और लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जाए.
अधिकारियों पर भी होगी कार्रवाई
कुल 3 कम्पनी को ब्लैक लिस्ट करने का प्रस्ताव दिया है, और कार्रवाई करने का भी आदेश दिया है. साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि इसमें यदि किसी अधिकारी के शामिल होने की बात सामने आती है तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी