रायपुर। ऑनलाइन व्यापार को दी गई छूट के विरोध में व्यापारी रविवार को शाम 7 बजे पांच मिनट के लिए अपने-अपने घरों में थाली, घंटी, शंख बजाएंगे.
छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने ऑनलाइन व्यापार को छूट दिए जाने का विरोध किया है. चेंबर ने इस संबंध में बयान जारी कर कहा कि छत्तीसगढ़ में विदेशी ऑनलाइन कंपनी का विरोध करेंगे.
छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने मुख्यमंत्री से की मांग नही दे ऑनलाइन व्यापार की अनुमति
छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एन्ड इंडस्ट्रीज की आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक आयोजित की गई जिसमें फ्लिप्कार्ट, एमोजोंन एवम और भी विदेशी कंपनियों का छत्तीसगढ़ में व्यापार करने की अनुमति देने केेे निर्णय का विरोध किया गया।बैठक को चैम्बर अध्य्क्ष जितेन्द्र बरलोटा ने संचालित किया और सभी पदाधिकारियों ने एक स्वर में ऑनलाइन व्यापार का कड़ा विरोध का निर्णय लिया और ज्यादा से ज्यादा केंद्र और राज्य के नेताओ से मिलकर उनको ऑनलाइन से आम व्यापारी को जो समस्या आने वाली है उसको अवगत कराया जाएगा ।आज की बैठक में चैम्बर अध्य्क्ष जितेंद्र बरलोटा,महामंत्री लालचन्द गुलवानी,कोषध्यक्ष प्रकाश अग्रवाल,प्रवक्ता ललित जैसिंघ, चेयरमैन पूरनलाल अग्रवाल,रमेश गांधी,कार्यकारी अध्यक्ष राधाकिशन सुंदरानी,उपाध्यक्ष भरत बजाज,आलोक सिंह,हरचरण साहनी,जीवत बजाज,सुरेश मध्यान,अश्विन विग,बबन भोजवानी,अशोक राठी दुर्ग,राजेश नाहटा,विनीत खेतान,दिनेश पंजवानी तिल्दा,दीपक विदानी,विमल जैन उपस्थित थे ।
व्यापारिक संस्था कैट ने प्रधानमंत्री को भेजा पत्र
कॉनफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मगेलाल मालू, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, प्रदेश महामंत्री जितेन्द्र दोशी, प्रदेश कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं प्रदेश प्रवक्ता राजकुमार राठी एवं कैट के प्रदेश मिडिया प्रभारी संजय चौबे एवं मोहम्मद अली हिरानी ने बताया केंद्र सरकार द्वारा ई कॉमर्स कम्पनियॉं को आगामी 20 अप्रैल से गैर जरूरी सामानों का भी व्यापार करने की अनुमति देने के मुद्दे पर कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजकर इस निर्णय में उनके हस्तक्षेप का आग्रह करते हुए इस विषय पर पुन : विचार करने का आग्रह किया है ! कैट ने यह भी स्पष्ट किया है कि सरकार के इस निर्णय से देश भर के व्यापारी बेहद क्षुब्द हैं किन्तु वर्तमान समय में जब सारा देश कोरोना के खिलाफ एक संघर्ष कर रहा है ऐसे में व्यापारी कोई बड़ा विवाद नहीं खड़ा करना चाहते हैं और पहले की भाँती देश भर में जरूरी सामान की आपूर्ति श्रंखला को बनाये रखेंगे !
कैट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान15 अप्रैल के गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों की ओर दिलाया हैं जिसमें ई-कॉमर्स कंपनियों को विशेष रूप से गैर-जरूरी सामानों के लिए 21 अप्रैल से अपनी व्यावसायिक गतिविधियां शुरू करने की अनुमति दी है। यदि ई-कॉमर्स कंपनियों को सभी प्रकार के गैर-जरूरी सामान पहुंचाने की अनुमति दी जाती है, तो यह बहुत अनुचित होगा क्योंकि सरकार के आदेशानुसार खुदरा विक्रेताओं को केवल आवश्यक वस्तुओं में ही व्यापार करने की अनुमति है।इससे देश के बाजार में असंतुलन पैदा होगा और अनावश्यक टकराव को बढ़ावा मिलेगा। सरकार के इस निर्णय से भारत के व्यापारियों को भारी निराशा हुई है। भारत के सभी हिस्सों के लगभग 70 व्यापारी नेताओं ने आज आयोजित एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में एकमत से कहा कि भारत के सभी व्यापारियों को सरकार के इस निर्णय से बेहद निराशा है और सरकार के इस निर्णय से उनका दर्द कई गुना बढ़ेगा ।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया , राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी ने कहा की जब करोड़ों गैर-जरूरी सामानों में व्यापार करने वाले व्यापारी लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं ऐसे में ई-कॉमर्स कंपनियों को बिना किसी प्रतिस्पर्धा के गैर-जरूरी सामान पहुंचाने के लिए स्वतंत्र रूप से चलाने की इजाजत देना कतई न्यायसंगत नहीं है ! यदि ई कॉमर्स कंपनियां सभी प्रकार के सामानों की डिलीवरी शुरू कर देती हैं तो इससे देश भर में कोरोना की स्थिति में वृद्धि का संभावित खतरा बढ़ जाएगा और एक लॉक डाउन का उद्देश्य ही पराजित हो जाएगा।
श्री भरतिया , श्री खंडेलवाल एवं श्री पारवानी ने यह भी कहा की भारत के व्यापारियों ने पिछले 30 दिनों में बहादुरी और समर्पित रूप से देश की सेवा की है और प्रधानमंत्री के आह्वान पर देश भर में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति हेतु “ स्वयं से पहले राष्ट्र ” के सिद्धांत का अनुसरण किया है और सरकार के इस अन्ययायपूर्ण निर्णय के बावजूद आवश्यक सामानों की आपूर्ति को निश्चित रूप से जारी रखने का निर्णय लिया है जिससे कोरोना के विरूद्ध देश की यह लड़ाई किसी भी रूप में कमजोर न हो !
कैट ने यह भी कहा की वर्तमान परिस्थितियों में भारत के व्यापारियों ने अपने जीवन को खतरे में डालकर देश की सेवा करने का भरपूर प्रयास और प्रतिबद्धता की है। जब कोविड-19 के कारण लॉकडाउन की घोषणा की गई थी भारत के छोटे खुदरा विक्रेताओं सच्चे कोरोना सेनानी के रूप में निर्भय होकर पूरे देश में आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति के लिए अपने घरों से बाहर निकल कर उसे जीवंत बना रखा है। भारतीय व्यापारी भी देश भर में लाखों रसोई घर चला रहे हैं और बहुत हद तक भूखे और अभावग्रस्त लोगों को भोजन प्रदान कर रहे हैं जो हमारा कर्तव्य भी है !