रायपुर/जगदलपुर। बस्तर जैसे बीहड़ वनवासी इलाके में भी अब बेहतर चिकित्सा सुविधा की उपलब्धता बढ़ने लगी है. जगदलपुर स्थित मेडिकल कॉलेज में बढ़ती सुविधाओं का लाभ बस्तरवासियों को हो रहा है. बढ़ती सुविधाओं के बीच जानकारी निकलकर सामने आई है कि बस्तर में पहली बार सफल रूप में एजियोग्राफी जाँच पूरी हुई और इलाज संभव हो पाया है. ऐसा इसलिए हो पाया कि क्योंकि सरकारी मेडिकल कॉलेज में अब रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति हो गई है.

बस्तर मेडिकल कॉलेज में पदस्त रेडियोलॉजिस्ट डॉ. मनीष मेश्राम बताते हैं कि पहली बार में हमने यहाँ एंजियोग्राफी जाँच की है. पास के गाँव के ही 40 वर्षीय एक मरीज जो कि असहाय हो चुका था उसके मस्तिष्क काफी बड़े हिस्से में रक्त प्रवाह रुक गया था. मस्तिष्क में रक्त का थक्का जमा होने के चलते वह चल-फिर नहीं पा रहा था. सीटी स्कैन में करने में प्रारंभिक जानकारियाँ मिली थी. लेकिन सही जानकारी जानने के लिए एंजियोग्राफी जरूरी था. लिहाजा एंजियोग्राफी सुविधा होने के चलते मरीज की जाँच मेडिकल कॉलेज में ही हो गई. मस्तिष्क को पहुँची क्षति सहित अन्य सभी जानकारियाँ एंजियोग्राफी से मिल गई.

एंजियोग्राफी जांच के फायदे :-

रेडियोलॉजिस्ट डॉ मनीष मेश्राम ने बताया कि इस जांच में रक्त वाहिकाओं की बीमारी जैसे- थक्का जमना या किसी प्रकार के ट्यूमर का पता लगाया जा सकता है. इस प्रकार की बीमारी का शीघ्र पता लगाकर मस्तिष्क के बड़े क्षति को मेडिसिन या अन्य चिकित्सकीय विकल्प द्वारा काफी हद तक रोका जा सकता है. अस्पताल अधीक्षक डॉ आज़ाद ने बताया कि एंजियोग्राफी कि जांच होना एवं उसकी रिपोर्टिंग हो पाना, मेडिकल कॉलेज जगदलपुर के लिए एक नवीन पड़ाव ह.  इसके पूर्व इस प्रकार की जांच हेतु बस्तर के मरीजों को रायपुर या फिर अन्य राज्यों का रुख करना पड़ता था, किन्तु अब यह सुविधा जगदलपुर के ही मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध हो गई है, जो कि बस्तर अंचल जैसे नक्सली क्षेत्र के मरीजों के लिए चिकित्सकीय तौर पर काफी लाभप्रद साबित होगा.

वहीं उन्होंने कहा कि एक अन्य प्रकार की सीटी स्कैन जांच की शुरुआत भी की गई, जिसे CECT ABDOMEN (TRIPPLE PHASE) कहा जाता है. इस जांच से लीवर, पैंक्रियाज एवं स्प्लीन या तिल्ली जैसे अंगो की बीमारी का पता लगाया जाता है एवं यह सुनिश्चित किया जाता है कि वो किसी प्रकार का कैंसर या अन्य कोई बीमारी, ताकि सही तरीके के उपचार की ओर अग्रसर हुआ जा सके.
उपरोक्त दोनों ही प्रकार के जांच कि अध्यक्षता रेडियोलॉजिस्ट डॉ मनीष मेश्राम एवं अधीक्षक डॉ के एल आज़ाद द्वारा कि गई एवं साथ है. सीटी टेक्नीशियन अरुण साहू, शिवेंद्र एवं पुष्पा कि उपस्थिति रही जिनमें से अरुण साहू द्वारा उत्कृष्ट कार्यप्रदर्शन किया गया.