नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से देश-दुनिया में लगे लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है. दुनिया के तमाम देश इसका ठीकरा चीन पर फोड़ रहे हैं. जर्मनी को कोरोना से 149 बिलियन यूरो (161 बिलियन डॉलर) का नुकसान होने का आंकलन करते हुए चीन से क्षतिपूर्ति मांगी गई है.

जर्मनी के सबसे बड़े अखबार ‘बिल्ड’ ने ‘चीन का हम पर कितना उधार’ शीर्षक से कोरोना की वजह से पर्यटन को 27 बिलियन यूरो, फिल्म उद्योग को 7.2 बिलियन यूरो, जर्मनी विमानन कंपनी लुप्तहांसा को प्रति घंटा एक मिलियन यूरो और जर्मन लघु उद्योगों को 50 बिलियन यूरो के नुकसान का आंकलन किया है. और जर्मनी की अर्थव्यवस्था (जीडीपी) 4.2 प्रतिशत गिरती है, तो प्रति व्यक्ति 1784 यूरो नुकसान का आंकलन किया गया है.

‘बिल्ड’ ने चीन की कड़े शब्दों में आलोचना करते हुए शी जिनपिंग की सरकार पर कोरोना वायरस से फैलने की आरंभिक अवस्था की जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया है, जिसका चीन ने खंडन करते हुए अखबार पर जिनोफोबिया और राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने वाला करार दिया है.

बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से यूरोपीय देश जर्मनी को अर्थव्यवस्था के साथ-साथ मानवीय तौर पर बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है, जर्मनी में कोरोना वायरस के संक्रमण 1,33,830 लोग प्रभावित है, वहीं 3868 लोगों की मौत हो चुकी है. यह दूसरे विश्वयुद्ध के बाद देश की सबसे बड़ी क्षति है.