सत्यपाल राजपूत, रायपुर. पवित्र रमजान इस साल 25 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है. इस दौरान रोज़ा रखना इस्लाम के पांच स्तम्भों में से एक माना गया है. इस दौरान सूर्योदय से सूर्यास्त तक अन्न जल लेने की मनाही रहती है. रोज़ेदार सूर्य निकलने से पहले जो भोजन लेते है उसे सहरी, और शाम को सूर्यास्त के बाद रोज़ा खोलने वाले भोजन को इफ़्तारी कहते हैं. कई डायबिटीज के मरीज़ भी इस दौरान रोज़ा रखते हैं. डायबिटीज के मरीज़ों को इस दौरान कुछ विशेष ध्यान रखने की जरुरत होती है.

ऐसे में लल्लूराम डॉट की टीम ने डॉ अनिमेष चौधरी, एमडी मेडिसिन से खास बातचीत की और रमजान के महीने में डायबिटीज या मरीजों को बरते जाने वाली सावधानियों पर जानकारी ली. डॉ अनिमेष चौधरी ने बताया कि सबसे पहले आप यह जाने की क्या आपको रोज़े रखना चाहिए. अगर आपको पिछले कुछ दिनों में कोई गंभीर बीमारी हुई हो, आपका शुगर बहुत बढ़ा रहता हो या बार बार कम हो जाता हो, आपको साथ में किडनी या दिल की भी समस्या हो तो बेहतर होगा आप रोज़े से परहेज़ करें.

 

रोज़ा में जानिए खानपान कैसा होना चाहिए-

इफ्तार के समय शुगर के मरीज़ उच्च वसा या कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन से बचे. आसानी से पचने युक्त भोजन से रोज़ा तोडना सही होता है. इसमें आप कुछ खजूर या दूध भी ले सकते हैं. ज्यादा खजूर खाने से परहेज करे. सहरी जितनी देरी से करें, उतना अच्छा होता है, इसमें आप काम्प्लेक्स शर्करा जैसे साबुत अनाज की चीज़े ले सकते है, जो पचने में समय लेती है और दिन भर ऊर्जा प्रदान करती है. इस दौरान 8-10 गिलास तक पानी पीना चाहिए. माखन या घी से बचना चाहिए.

रोज़े के दौरान सामान्य व्यायाम किया जा सकता है. वैसे भी तरावीह की नमाज़ में खुद बहुत सी शारीरिक गतिविधियां होती है, जिसे आप व्यायाम में गिन सकते हैं. इफ्तार से पहले व्यायाम से परहेज करें.

सबसे महत्वपूर्ण है दवाइयों का चुनाव. रमजान के समय क्योंकि आपके खान-पान का चुनाव बदल जाता है, इसीलिए आपको अपने डॉक्टर से सलाह करके अपनी दवाइयों की मात्रा और समय बदलवा लेना चाहिए. अब हमारे पास बहुत सी दवाइयां और इन्सुलिन है जो रोज़े के समय आपका शुगर नियंत्रण में रखने में मददगार होती है. आपके डॉक्टर आपके डायबिटीज के स्टेटस के हिसाब आपकी दवाइयों का चयन करेंगे. समय समय पर शुगर की जांच करते रहे, और अपने शरीर में पानी की मात्रा बनाये रखे. कोई भी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे. इन सलाहों का पालना करे और इस रमजान के दौरान स्वस्थ रहे, सुरक्षित रहे.