रायपुर- राजधानी में पीलिया के प्रकरणों के लगातार बढ़ते मामले को देखते स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने बेड की संख्‍या बढाने का निर्णय लिया है। जिला अस्‍पताल पंडरी और मातृ शिशु अस्‍पताल से पीलिया के मरीजों को शिफ्ट करने शासकीय आयुर्वेदिक अस्‍पताल में पीलिया वार्ड शुरु करने तैयारी की जा रही है। आयुर्वेदिक अस्‍पताल में 100 बिस्‍तर के लिए दो वार्ड को तबदील किया जा रहा है।

अस्‍पताल के अधीक्षक डॉ.पीके जोशी ने बताया, आगामी 2 से 3 दिनों में अस्‍पताल में बेड से लेकर डॉक्‍टर, स्‍टाफ नर्स, वार्ड ब्‍याय, सफाई कर्मचारी, ड्रीप के लिए मेडिकल उपकरण, दवाईयां सभी की सामाग्रियों की व्‍यवस्‍था कराई जा रही है। डॉ. जोशी ने बताया स्‍वास्‍थ्‍य विभाग द्वारा आयुर्वेदिक अस्‍पताल के आईपीडी वार्ड में पहले कारोना के लिए 100 बिस्‍तर वाला आइशोलेसन वार्ड शुरु करने की तैयारी की जा रही थी, लेकिन अब यहां पीलिया के लिए स्‍पेशल वार्ड बनाया जा रहा है। मरीजों के इलाज के लिए 8 से 10 चिकित्‍सा अधिकारियों की तैनाती 24 घंटे रहेगी।

सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल ने बताया, पीलिया प्रभावित क्षेत्रों में कार्यरत शहरी प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों के अंतर्गत17 काम्‍बेक्‍ट टीम गठित कर एएनएम और मितानिनों को घर-घर भ्रमण कर सर्वे के लिए निर्देश दिए गए हैं। पीलिया के संदिग्‍ध मरीजों की पूरी जानकारी जुटाइ जा रही है। पीडि़त मरीजों के घर पर ही परिवार के सभी सदस्‍यों का रक्‍त परीक्षण(बिलिरुबीन) किया जा रहा। रायपुर व बीरगांव नगर निगम के पीलिया प्रभावित क्षेत्रों में प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र के अंतर्गत पीलिया प्रभावित लगभग 120-150 घरों का रोजाना सर्वे किया जा रहा है। काम्‍बेक्‍ट टीम में चिकित्‍सा अधिकारी, आरएमए, एएनएम, आरएचओ पुरुष एवं संबंधित क्षेत्र की मितानिन के द्वारा पीलिया प्रभावित क्षेत्रों में डयूटी पर लगे हुए हैं। का सर्वे किया जा रहा है।

डॉ. बघेल ने बताया स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा पीलिया प्रभावित क्षेत्रों में आमापारा, मठपुरैना, भांठागांव, चंगोराभांठा, दलदल सिवनी, हिरापुर में भ्रमण के दौरान पेयजल स्त्रोतों के सैम्पल लिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा घर में पानी को उबालकर पीने व क्लोरीन के टेबलेट वितरित की जा रही है। राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन द्वारा पाम्प्लेट, बैनर व माइकिंग के द्वारा लोगों में जागरुकता लाने प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। वर्तमान में जिला अस्पताल पंडरी व मातृ एवं शिशु अस्पताल कालीबाड़ी में 57 मरीज भर्ती है।