स्पोर्ट्स डेस्क– कोरोना वायरस के कहर की वजह से पूरी दुनिया में क्रिकेट नहीं हो पा रहा है. अधिकतर जगह पर लॉकडाउन चल रहा है और इसका सख्ती से पालन भी हर जगह कराया जा रहा है. ऐसे में अब कोरोना वायरस के इस कहर के बीच क्रिकेट को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है कि जब कोरोना वायरस का कहर थम जाएगा तो क्रिकेट में किस तरह के बदलाव करने होंगे.
एक क्रिकेट वेबसाइट के रिपोर्ट के मुताबिक प्रशासक अंपायरों की निगरानी में गेंद को चमकाने के लिए आर्टिफिशियल चीज के इस्तेमाल की परमीशन देने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं. खेल के नियमों के तहत हालांकि ये गेंद से छेड़खानी के दायरे में आता है, टेस्ट क्रिकेट में गेंद की चमक काफी अहम होती है क्योंकि इससे गेंदबाजों को गेंद स्विंग और रिवर्स स्विंग कराने में मदद मिलती है. अगर इस विकल्प को मंजूरी मिल जाती है, तो ये बड़ी विडंबना होगी, क्योंकि गेंद पर रेगमाल रगड़ने की कोशिश में ही ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर को साल 2018 में एक साल के लिए बैन किया गया था. गौरतलब है कि अभी गेंद को चमकाने के लिए गेंदबाज थूक सलाइवा का इस्तेमाल करता है जिससे गेंद में चमक आती है और फिर जिससे स्विंग और रिवर्स स्विंग में मदद मिलती है.लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते अब इसे लेकर भी क्रिकेट शुरू करने से पहले क्रिकेट प्रशासकों को बड़ा फैसला लेना होगा, जिसे लेकर ही चर्चाओं का बाजार अब गर्म हो गया है और इसके अलावा भी कई विकल्पों पर बात की जाने लगी है. |
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