गोपाल नायक, खरसिया। महिला एवं बाल विकास विभाग में पदस्थ कर्मचारी पर जुआ खिलाने का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया में वीडिया वायरल करने की धमकी देते हुए दो लाख रुपए मांगने का मामला सामने आया है. शिकायत पर भूपेन्द्र वैष्णव व उसकी पत्नी आरती वैष्णव के खिलाफ गैर-जमानतीय अपराध खरसिया थाने में दर्ज किया गया है. इसके अलावा पति-पत्नी पर पहले ही 10 मामले न्यायालय में विचाराधीन है, वहीं 20 गंभीर शिकायतें जांच प्रक्रिया में हैं.

महिला एवं बाल विकास विभाग में सहायक ग्रेड-01 के पद पर कार्यरत खिलावन सिंह राठौर निवासी पुरानी बस्ती, वार्ड नं. 07, खरसिया खरसिया ने भूपेन्द्र वैष्णव एवं उसकी पत्नी आरती वैष्णव के खिलाफ बीती रात खरसिया पुलिस चौकी में लिखित शिकायत की. प्राथी ने दंपती पर चरित्र हत्या करने की धमकी देकर 2 लाख रुपए मांगने और नहीं मिलने पर अपनी बनाई एक वीडियो वायरल कर छवि-धूमिल करने की धमकी देने का आरोप लगाया.

प्राथी खिलावन सिंह राठौर ने बताया कि 21 अप्रैल की रात्रि में खरसिया चौकी पुलिस स्टाफ ने पुरानी बस्ती में जुआ फड़ पर दबिश देकर जुआरियों को पकड़कर ले गए थे. पुलिसवालों के जाने के बाद भूपेन्द्र वैष्णव और उसकी पत्नी आरती वैष्णव ने खिलावन के घर आकर दो लाख रुपए नहीं देने पर उसके और उसके पुत्र का नाम प्रकरण में जुड़वाकर बदनाम करने की धमकी दी थी. तब घरवालों दोनों को भगाया. 22 अप्रैल को खिलावन को पता चला कि भूपेन्द्र और उसकी पत्नी ने झूठी खबरें सोशल मीडिया पर वायरल कर दी हैं.
रिपोर्टकर्ता ने बताया कि इसके पहले भी मार्च 2020 में मुख्यमंत्री कन्या दान सामूहिक विवाह को लेकर भूपेन्द्र और आरती वैष्णव ने आयोजन में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए 5 लाख रुपए देने की मांग की थी. जिस पर खिलावन सिंह 24 अप्रैल को खरसिया चौकी में मामला दर्ज कराया था. शुक्रवार को इस प्रकरण के प्रार्थी व गवाहों का जेएमएफसी न्यायालय खरसिया में कलमबद्ध ब्यान कराया गया है.

बता दें कि इसके पूर्व जिले के विभिन्न थानों भूपेन्द्र वैष्णव के विरूद्ध डकैती, छेडखानी, ब्लैकमेलिंग, धोखाधड़ी, शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने, मारपीट गाली गलौच एवं जातीय हिंसा फैलाने के आरोप में दर्ज कर चालान किया गया है. यहां तक भूपेंद्र के खिलाफ जिला बदल का भी केस कलेक्टर के पास पेंडिंग है, वहीं आरती वैष्णव के विरूद्ध भी विशेष वर्ग की महिला के आफिस में जाकर बलवा सहित लूट करने, आमजन से गाली गलौच करने एवं जातीय हिंसा फैलाने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करने का अपराध दर्ज किया जा चुका है.