श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलीं. मुलाकात में रिश्तों में आई खटास को दूर करने की कोशिश की गई.
हर हाल में बातचीत ज़रुरी-महबूबा
प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उनके साथ घाटी के खराब हालात पर बातचीत हुई है. उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात से बाहर निकालना जरूरी है. हर हाल में बातचीत जरूरी है. अटल बिहारी वाजपेयी ने जहां बातचीत छोड़ी थी वहीं से शुरुआत करनी है. बातचीत के लिए माहौल बनाना जरूरी है.
दो तरह के हैं पत्थरबाज़- महबूबा
एक ओर पत्थरबाजी और दूसरी ओर गोली के माहौल में बातचीत संभव नहीं है. पत्थरबाजी को लेकर महबूबा ने कहा कि दो तरह के लोग पत्थरबाजी में शामिल हैं. एक वे जो सिस्टम से खफा हैं और दूसरे वो जिन्हें जानबूझकर उकसाया जाता है. राज्यपाल शासन पर सवाल पूछे जाने को लेकर महबूबा ने कहा कि यह सवाल केंद्र से पूछा जाना चाहिए.
इंटरनेट का पत्थरबाजी से कनेक्शन
उधर, आतंकवाद और अलगाववाद से ग्रस्त कश्मीर घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवा को सस्पेंड किए जाने से सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की वारदातों में नाटकीय रूप से कमी आई है. दरअसल-घाटी में आतंकियों के ख़िलाफ़ ऑपरेशन में बाधा डालने और सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी के लिए युवाओं को ब्वाट्सएप्प ग्रुप के जरिए उकसाया जाता था. एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक-घाटी में ऐसे करीब 300 व्हाट्सऐप ग्रुप एक्टिव थे और हर ग्रुप में करीब 250 लोग थे, जिन्हें सुरक्षाबलों के ऑपरेशन की जानकारी दी जाती थी. इसके जरिए उन्हें मुठभेड़ स्थल पर बुलाया जाता था.
अधिकारी के मुताबिक- इसमें से 90 फीसदी ग्रुप अब बंद हो चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों ने इनमें से कुछ ग्रुप एडमिन की पहचान कर उन्हें बातचीत के लिए बुलाया. उनकी काउंसलिंग की गई, जिसके बड़े अच्छे नतीजे निकले. अधिकारी के मुताबिक- इंटरनेट सेवा पर रोक और काउंसलिंग के बाद पत्थरबाजों की संख्या में काफ़ी कमी आई है हालांकि इसका एक दूसरा पहलू यह भी है कि इंटरनेट बंद होने की वजह से लोगों के कारोबार पर भी बुरा असर पड़ा है