रायपुर। नयापारा स्थित होटल वेंकटेश में क्वारेंटाइन एम्स के नर्सिंग ऑफिसर के कोरोना पॉजीटिव निकलने के बाद होटल में क्वारेंटाइन सभी 62 मेडिकल स्टाफ और होटल के 20 स्टाफ का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है. होटल से 1 किलोमीटर की एरिया को प्रशासन ने सील कर दिया है. वहीं अब इस पूरे इलाके में दहशत फैल गई है. इस होटल में मेडिकल स्टाफ को रुकाने को लेकर नगर निगम के ऊपर कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं. जानकार इसे कोरोना जैसी खतरनाम महामारी के बीच प्रोटोकाल का उल्लंघन बताते हुए इसे गंभीर लापरवाही बता रहे है.

जिस होटल वेंकटेश में नर्सिंग स्टाफ को ठहराया गया, वह होटल एक भाजपा नेता का है और जिस इलाके में यह स्थित है वह पूरा इलाका राजधानी की बेहद घनी बस्तियों में से एक है. सवाल यह है कि जब डॉक्टरों को एम्स के नजदीक स्थित होटल में ठहराया गया है तो नर्सिंग स्टाफ को इतना दूर क्यों ठहराया गया और प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर के किसके आदेश पर ? जबकि एम्स के नजदीक और शहर से दूर दर्जनों होटल व ऐसी सर्व सुविधा युक्त जगह मौजूद हैं जहां इन्हें क्वारेंटाइन किया जा सकता था. उसके बावजूद शहर के बीचों बीच घनी बस्ती में स्थित भाजपा नेता के होटल को ही क्यों चुना गया ? क्या किसी के दबाव में अन्य होटलों को दरकिनार कर इस होटल को चुना गया ?

सवाल यह भी है कि क्वारेंटाइन को लेकर जो प्रोटोकॉल है होटल प्रबंधन ने उसका पालन किया? होटल स्टाफ पैरामेडिकल स्टाफ के लगातार संपर्क में रहता था, जो जानकारी निकल कर सामने आ रही है उसके मुताबिक होटल स्टाफ घर के साथ ही बाहर आता-जाता भी था.

जानकारों का कहना है इस होटल में मेडिकल स्टाफ को ठहराकर न सिर्फ प्रोटोकॉल तोड़ा गया है बल्कि इस पूरे क्षेत्र को हॉट स्पॉट रेड जोन बना दिया गया है. ऐसे में रायपुर नगर निगम के ऊपर सवाल उठना लाजमी है. हमने रायपुर नगर निगम के आयुक्त से उनका पक्ष जानने के लिए उन्हें कई बार फोन लगाया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.